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तकरार करते करते ही सावन गुजर गया
मनुहार करते करते ही सावन गुजर गया।१।
*
बाधा मिलन में उनसे जो हालात थे उलट
अनुसार करते करते ही सावन गुजर गया।२।
*
हम खुद में व्यस्त और वो औरों में व्यस्त थे
व्यवहार करते करते ही सावन गुजर गया।३।
*
इस पार हम थे बैठे तो उस पार थे सजन
नद पार करते करते ही सावन गुजर गया।४।
*
उनसे मिलन की बात थी लेकिन हमें ये मन
तैय्यार करते करते ही सावन गुजर गया।५।
*
उस पर कहा सखी ने जो सजना सँवरना भी
शृंगार करते करते ही सावन गुजर गया।६।
*
वो लोग खुशनसीब थे जिन का यूूँ रार बिन
बस प्यार करते करते ही सावन गुजर गया।७।
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
Comment
जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, बड़ी रदीफ़ पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।
'इतवार करते करते ही सावन गुजर गया'
इस मिसरे में 'इतवार' के साथ रदीफ़ का रब्त समझ नहीं आ रहा है?
आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद। आपका कहना सही है । अंतिम शेर में न" के स्थान पर "यूँ" पढ़ें । सादर..
जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, सावन पर सुन्दर ग़ज़ल कही है आपने, बधाई स्वीकार करें। अंतिम शे'र में 'न' होने से अर्थ बदल रहा है, ग़ौर कीजियेगा। सादर।
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