22, 22, 22, 22,
1)कितनी बातें करते हो तुम
ख़ाली बातें करते हो तुम
2)तुमको कोई मरज़ है क्या बस
अपनी बातें करते हो तुम
3) सीधा बंदा हूँ क्यों मुझसे
उल्टी बातें करते हो तुम
4)छुप कर मिलने क्यों आऊँ मैं
ख़ाली बातें करते हो तुम
5)होने लगता है कुछ दिल में
जब भी बातें करते हो तुम
6) चाँद सितारों से क्या अब भी
मेरी बातें करते हो तुम
7)काम नहीं करते हो उतना
जितनी बातें करते हो तुम
8)चैन मिलेगा कैसे तुमको
गुज़री बातें करते हो तुम
मौलिक अप्रकाशित
Comment
जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर साहब ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार
जनाब जवाहर लाल सिंह जी ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार
जनाब समर कबीर साहब देर से जवाब देने के किए मुआफ़ी चाहता हूँ, ग़ज़ल तक आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आपके बताए अनुसार सुधार कर लेता हूँ
आ. भाई अनीस जी, सादर अभिवादन । बहुत खूब गजल हुई है। हार्दिक बधाई।
7)काम नहीं करते हो उतना
जितनी बातें करते हो तुम
8)चैन मिलेगा कैसे तुमको
गुज़री बातें करते हो तुम
आदरणीय अनीस अरमान जी, मुझे उपर्युक्त पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी .. बधाई स्वीकारें!
जनाब अनीस `अरमान` जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है , बधाई स्वीकार करें I
व्छु`प कर मिलने क्यों आऊँ मैं
ख़ाली बातें करते हो तुम`
इस शे`र के सानी मिसरे में उचित लगे तो `ख़ाली` की जगह `कैसी` कर सकते हैं I
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online