उम्र गँवा दी लोमड़ी, उछल- कूद वनवास।
ईश साधना की नहीं, भजन हुआ सन्यास।।
दोहा कवि को साध्य है, मूर्ख सदैव असाध्य।
लंगड़ी जब भी मारता, गिरता ठोकर खाय।।
काव्य - धर्म है साधना, प्राण बसे मम आग ।
साधू - संगति चाहिए , तुलसी सम अनुराग।।
काव्य - कर्म जागृति जगत, हास्य-व्यंग्य है राग।
कविता - गंगा है सदा, नवरस का अनुराग।।
काव्यशास्त्र विलास कवि, पंडित को ही साध्य।
तप - काव्य विरल भाव है, मूर्ख कहाँ आराध्य।।
गणना करिये आयु की, गणित आप के पास।
गणित जानते यदि नहीं, फूल सूँघिये खास ।।
मौलिक व अप्रकाशित
प्रोफ. चेतन प्रकाश 'चेतन'
Comment
आपके छक्के ने दमदार अभ्यास दिखाया है, आदरणीय.
प्रयास जारी रहे.
शुभातिशुभ
आ . सुशील सरना साहब , कृपया पुन: देखें । अपेक्षित संशोधन द्रष्टव्य है !
भाई, लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब, सही कहा, आप ने, टंकण त्रुटि हुई है, असाध्य के स्थान पर 'अघाय' पढ़कर कृतार्थ करें ।
आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर दोहे हुए हैं । हार्दिक बवाई ।
दूसरे दोहे की तुकान्तता के सन्दर्भ में पुनः विचार कीजिएगा । सादर..
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online