For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ की बारहवीं सालगिरह का तुहफ़ा

ग़ज़ल

212 212 212

तू है इक आइना ओबीओ
सबने मिल कर कहा ओबीओ

जो भी तुझ से मिला ओबीओ
तेरा आशिक़ हुआ ओबीओ

तुझसे बहतर अदब का नहीं
कोई भी रहनुमा ओबीओ

जन्म दिन हो मुबारक तुझे
मेरे प्यारे सखा ओबीओ

यार बरसों से रूठे हैं जो
उनको वापस बुला ओबीओ

हम तेरा नाम ऊँचा करें
है यही कामना ओबीओ

जो नहीं सीखना चाहते
उनसे पीछा छुड़ा ओबीओ

और जो सीखते हैं उन्हें
अपने सर पर बिठा ओबीओ

जो मेरे दिल ने मुझ से कहा
मैंने वो कह दिया ओबीओ

हम तेरे साथ आगे बढ़ें
रास्ता वो दिखा ओबीओ

तेरा सेवक हूँ मुद्दत से मैँ
और रहूँगा सदा ओबीओ

तू सदा यूँ ही फूले फले
है 'समर की दुआ ओबीओ

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1860

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on February 18, 2023 at 2:19pm

जनाब सतविन्द्र कुमार जी, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on February 16, 2023 at 10:48pm
आदरणीय समर कबीर सर सादर वंदे! ओबीओ के प्रति हमारे जज़्बात की झलक है ये ग़ज़ल! तहेदिल मुबारकबाद!
Comment by Samar kabeer on December 20, 2022 at 5:11pm

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on December 20, 2022 at 5:10pm

जनाब रवि शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Usha Awasthi on December 20, 2022 at 5:06pm

ओ बीओ की सालगिरह पर खूबसूरत ग़ज़ल हेतु आदरणीय समर कबीर साहेब को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 

Comment by Ravi Shukla on December 20, 2022 at 1:37pm

आदरणीय समर साहब ओ बी ओ की सालगिरह पर कही आपकी शान दार ग़ज़ल के लिये शेर दर शेर दिली मुबारक बाद कुबूल करें। हर शेर अपने आप में एक मुकम्मल बात कह रहा है ओ बी  ओ के साथी उनसे सीधे जुड़ पा रहे है । बहुत बहुत बधाई 

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 4:02pm

जनाब चेतन प्रकाश जी आपकी महब्बतों और ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 4:00pm

जनाब अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी विस्तृत टिप्पणी पा कर मुग्ध हूँ, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।

ओबीओ की प्रत्येक वर्षगाँठ पर  पटल को समर्पित एक खूबसूरत ग़ज़ल आपके दिल के क़लम से निकल ही आती है और इसमें भी एक खासियत जो मैं देख रहा हूँ. ग्यारहवीं वर्षगाँठ पर ग्यारह अशआर वाली ग़ज़ल तो बारहवीं वर्षगाँठ पर बारह अशआर की ग़ज़ल. यकीनन अगले वर्ष यहाँ १३ अशआर की एक खूबसूरत ग़ज़ल होगी//

आपने दुरुस्त कहा,जब से मैं ओबीओ से जुड़ा हूँ उस दिन से आज तक ये सिलसिला जारी है, और इंशा अल्लाह जारी रहेगा ।

सराहना के लिए पुनः आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 3:50pm

जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 3:49pm

जनाब बृजेश कुमार जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post ठहरा यह जीवन
"आदरणीय अशोक भाईजी,आपकी गीत-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ  एक एकाकी-जीवन का बहुत ही मार्मिक…"
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. रवि जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"स्वागत है आ. रवि जी "
12 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश जी जुलाई में इंदौर आ रहा हूँ मिलत है फिर ।  "
15 hours ago
Ravi Shukla commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"      आदरणीय अजय जी ग़ज़ल के प्रयास केलिये आपको बधाई देता हूँ । ऐसा प्रतीत हो रहा है…"
15 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरीणीय नीलेश जी तरही मिसरे पर मुशाइरे के बाद एक और गजल क साथ उपस्थिति पर आपको बहुत बहुत मुबारक बाद…"
16 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"सोलह गाफ की मात्रिक बहर में निबद्ध आपकी प्रस्तुति के कई शेर अच्छे हुए हैं, आदरणीय अजय अजेय जी.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. अजय जी,क़ाफ़िया उन्मत्त तो सुना था उन्मत्ते पहली बार देखा...तत्ते का भी अर्थ मुझे नहीं पता..उतना…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)

लोग हुए उन्मत्ते हैं बिना आग ही तत्ते हैंगड्डी में सब सत्ते हैं बड़े अनोखे पत्ते हैंउतना तो सामान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"क्या अंदाज है ! क्या मिजाज हैं ! आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय नीलेश…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service