For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तस्वीर: एक मोहक चित्र

2122 2122 2122 2122

क्या पता उस लोक में दिखती हैं कैसी अप्सराएँ

किस तरह चलतीं मचल कर किस तरह से भाव खाएँ

कौन सा जादू लिए फिरतीं सभी पर मार देतीं

किस तरह पुचकारती हैं किस तरह से प्यार देतीं 

क्या महावर और मेहँदी आँख में काजल अनोखा

केशिनी मृगचक्षुणी हैं सत्य, या उपमान धोखा 

किस तरह श्रृंगार रचती किस तरह गेशू सजाएँ

क्या पता कितनी सही है आमजन की कल्पनाएँ

आज देखी थी परी जो हाल कुछ उसका सुनाऊँ

देखता ही रह गया कितना करूँ वर्णन बताऊँ

मोहिनी सूरत मनोहर ललित मंजुल रम्य काया 

उदर समतल उरस उन्नत नैन में कौतुक समाया 

रंग होठों का निकलते सूर्य का लालित्य लेकर 

यूँ त्वचा जैसे मिले हों दूध, कॉफी और केशर 

केश थे इतने घने लंबे स्वयं उपमान जैसे 

यूँ कहें की स्वर्ग की परियों के भी अरमान जैसे 

दाहिना था पाँव सीधा और बाएँ को मुड़ाकर

इस तरह कुछ वह खड़ी थी आलमारी से टिकाकर 

शर्ट थी काली बटन थे आठ जो उसमे लगे थे

दो बटन ऊपर खुले थे और दो नीचे खुले थे 

दाहिना हिस्सा सुनीले जींस के भीतर पड़ा था था 

जींस नीला यूँ कि जैसे नाभि तक सट कर चढ़ा था 

कुहनियो के ठीक नीचे शर्ट की मोहड़ी चढ़ी थी

और बाएँ हाथ में क्या जँच रही काली घड़ी थी 

बीच वाली अंगुली में एक सोने की अँगूठी 

जानु तक लटकी हुई क्या लग रही थी वह अनूठी 

आँख पर गॉगल्स काले फ्रेम था जिनका सुनहरा 

मुख प्रदीपित यूँ कि जिनपर स्वयं आ दिनमान ठहरा 

था यही शृंगार सीमित किन्तु अद्भुत लग रही थी

रूप से वह स्वर्ग अप्सरियों को मानो ठग रही थी 

केशिनी के एक मोहक चित्र ने मुझको लुभाया 

यह रहा वृत्तांत जो देखा वही मैने सुनाया 

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 164

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 25, 2023 at 6:20pm

पढ़ने में उत्सुकता पूर्ण लगी आपकी रचना यादव जी...बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज भाई,  प्रदत्त चित्र से उमगता बालसुलभ उत्साह सहज ही शाब्दिक हुआ है। बधाई बधाई…"
10 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी चित्र को सार्थक करती छंद रचना।चित्र के सभी भावों पर दृष्टि डाली है आपने।…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी वाह बहुत सुन्दर..चित्र के हर भाव को जीवंत करती रचना..हार्दिक बधाई "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्र को जीवंत कर दिया है आपके छंदों ने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन।चित्र को साकार करते उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई। "
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद    आओ रे सब साथ, करेंगे मिलकर मस्ती। तोड़ेंगे  हम   आम,…"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"कृपया ठेले पढ़ें।एडिट का समय निकल जाने के बाद इस टंकण त्रुटि पर ध्यान गया"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद  _ चित्र दिखाता मस्त, एक टोली बच्चों की हैं थोड़े शैतान, मगर दिल के सच्चों की ठान…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ******** पके हुए  ढब  आम,  तोड़ने  बच्चे आये। गर्मी का उपचार, तभी यह…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, आदरणीय, वाह!  प्रवहमान अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई शुभ-शुभ "
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service