धूल में खेले हुए, कितने ज़माने हो गए।
ये पता ही ना चला, कब हम सयाने हो गए।।
अब मुहल्ले में नई, दास्तान हैं बनने लगीं।
इश्क़ के किस्से सभी मेरे, पुराने हो गए।।
शब्द कुछ यूँ ही पिरोकर, इक बहर में रख लिए।
आपके होंठों से लगकर, वो तराने हो गए।।
ये सियासत भी मुझे, लगती है पारस की तरह।
सेवकों की झोपड़ीयां, अब ख़ज़ाने हो गए।
सब अनूभव ज़िन्दगी के जोड़कर रखता तु जा।
शैब में कुछ और भी, किस्से सुनाने हो गए।।
साथ सावरिया मिला है, जब से तेरे नाम का।
पल सभी इस ज़िंदगानी के, सुहाने हो गए।।
मुश्किलों से ना कभी 'प्रशांत' घबराया करो।
आपदाएं थी बड़ी जो, अब फ़साने हो गए।।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आ. प्रशान्त जी ,
आपको पहली बार पढ़ते हुए आप में संभावनाएं दिखाई दे रही हैं. प्रयासरत रहें और गुरुजनों की बातों पर गौर करें. बहर साधने हेतु कई कक्षाएं मंच पर उपलब्ध हैं. मनन कर के लाभान्वित हों.
सादर
आदरणीय प्रशांत जी ग़ज़ल की प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई, गुनीजनों की बातो पर गौर कीजियेगा. सादर
बहुत बहुत धन्यवाद कबीर सर!
इन त्रुटियों को दूर करने का प्रयास करता हूं। आपके इस मार्गदर्शन का ह्रदय से आभारी हूं।
जनाब 'प्रशांत' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।
ग़ज़ल की कुछ त्रुटियाँ जनाब अशोक गोयल जी ने बता दी हैं ।
ग़ज़ल के साथ उसके अरकान भी लिख दिया करें,इससे नए सीखने वालों को आसानी होती है ।
'अब मुहल्ले में नई, दास्तान हैं बनने लगीं'
इस मिसरे को यूँ कर लें तो बह्र में हो जाएगा:-
'दास्तानें अब मुहल्ले में नई बनने लगीं'
इ'श्क़ के किस्से सभी मेरे, पुराने हो गए'
इस मिसरे में 'किस्से' को "क़िस्से" कर लें ।
'शब्द कुछ यूँ ही पिरोकर, इक बहर में रख लिए'
इस मिसरे में सहीह शब्द "बह्र" 21 है,इस मिसरे को यूँ कह सकते हैं:-
'बह्र में अल्फ़ाज़ कुछ हमने पिरोकर रख दिए'
'सेवकों की झोपड़ीयां, अब ख़ज़ाने हो गए'
इस मिसरे में 'झोपडी' का बहुवचन "झोपड़ियाँ" होगा,दूसरी बात की "झोपड़ियाँ" स्त्रीलिंग होने के कारण रदीफ़ बदल कर 'ख़ज़ाने हो गईं" हो रही है,इस पर ध्यान दें ।
'साथ सावरिया मिला है, जब से तेरे नाम का'
इस मिसरे की बह्र भी चेक करें ।
'मुश्किलों से ना कभी 'प्रशांत' घबराया करो।
आपदाएं थी बड़ी जो, अब फ़साने हो गए'
इस शे' र के ऊला के बारे में जनाब गोयल साहिब बता ही चुके हैं,सानी में 'थी' को "थीं" लिखना उचित होगा ।
बाक़ी शुभ-शुभ ।
बहुत बहुत धन्यवाद गोयल सर, इन त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करुंगा और यह भी ध्यान रखूंगा कि इनकी पुनरावृत्ति न हो। आपका बहुत बहुत आभार।
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