For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाल- ए- दिल ऊंचे महलों से पूछो जरा,
मस्तियाँ बादलों की कैसी उन्हे लगती हैं,

जब सावन की पहली पड़ती फुहार,
धरा ख़ुशी से सोंधी खुशबू बिखेरती,
बच्चे उछलते कूदते मचलते खेलते,
चेहरे किसानो के उम्मीदों से चमकते,

हाल- ए- दिल झोपड़ियो से पूछो जरा,
आंशु बन बारिश छपरों से टपकती है,

खूब बारिश हुई भरी नदिया और ताल ,
मचलती तितलियाँ भी आँचल संभाल,
हवाओं को भी देखो चलती मदभरी,
दीवाना बनाने को हमें हठ पर अड़ी,

हाल- ए- दिल उन बस्तियों से पूछो जरा,
जिन्दगी जिनकी किनारों पर गुजरती हैं,

जवान होती है शहरो की नशीली रात ,
आँखों आँखों में कटती कही काली रात,
तेज धुन पर कही आहा करते है लोग ,
भय के कारण कही आह करते है लोग,

हाल- ए- दिल भूखे बच्चों से पूछो जरा,
गीले चूल्हों मे जब भींगी लकड़ियाँ जलती है,

Views: 2857

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 7, 2011 at 1:29pm
धन्यवाद आनंद जी , राजिव जी और आशा दीदी |
Comment by Anand kumar Ojha on May 7, 2011 at 1:21pm
Sabhi rash maujud hai aapki kawita me ....
Comment by Anand kumar Ojha on May 7, 2011 at 1:20pm
Sundaram... Bhaw bivor ho gaya mai
Comment by Rajeev Mishra on March 14, 2011 at 1:28pm
बहुत सुंदर !
Comment by asha pandey ojha on January 10, 2011 at 8:18pm
हाल- ए- दिल झोपड़ियो से पूछो जरा,
आंशु बन बारिश छपरों से टपकती है, waah Ganesh bhiya kamal ki rachna hai yah .. teen baar padh chuki hun ... waah anand aa gya 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 26, 2010 at 9:16am
आदरणीय ब्रिजेश भाई साहब, बहुत बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिये, आप बड़ों का यह आशीर्वाद और प्यार है जो मैं कुछ लिख लेता हूँ, निवेदन है कि इसी तरह नेह बनाये रखे |
Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on October 26, 2010 at 7:01am
गणेशजी ,
इस कविता में एक साथ अनेक सन्देश प्रभावशाली ढंग से आपके द्वारा प्रेषित हैं
गरीब की टपकती झोपड़ी का दर्द आपने जनसामान्य के साथ जिस तरह आपने बांटा है वो बेमिसाल है बच्चों के उत्साह में शामिल कवि स्वयं में एक बच्चा ही दिखता है यह कवि की अपार सफलता है..इस अति सुन्दर कविता के लिए आप को बधाई

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 17, 2010 at 8:17pm
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय शैलेश्वर पाण्डेय जी , आदिल भाई और आदरणीया आशा दीदी,
Comment by Shaileshwar Pandey ''Shanti'' on October 17, 2010 at 6:42pm
Ati Sundar Ganesh Ji,aap ki ye kavita bachapan ki yad dila rahi hai...Bahut achi hai ye kavita ...budha man bhi jawan ho jayega padhane ke baad...Dhanyavaad.
Comment by mohd adil on October 17, 2010 at 2:38pm
जवान होती है शहरो की नशीली रात ,
आँखों आँखों में कटती कही काली रात,
तेज धुन पर कही आहा करते है लोग ,
भय के कारण कही आह करते है लोग,

in lines ka jawab nahe bhut jaan dar hain bhai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार सुशील भाई जी"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार समर भाई साहब"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"बढियाँ ग़ज़ल का प्रयास हुआ है भाई जी हार्दिक बधाई लीजिये।"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"दोहों पर बढियाँ प्रयास हुआ है भाई लक्ष्मण जी। बधाई लीजिये"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"गुण विषय को रेखांकित करते सभी सुंदर सुगढ़ दोहे हुए हैं भाई जी।हार्दिक बधाई लीजिये। ऐसों को अब क्या…"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय समर भाई साहब को समर्पित बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने भाई साहब।हार्दिक बधाई लीजिये।"
1 hour ago
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आहा क्या कहने भाई जी बढ़ते संबंध विच्छेदों पर सभी दोहे सुगढ़ और सुंदर हुए हैं। बधाई लीजिये।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"सादर अभिवादन।"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई सर"
19 hours ago
Admin posted discussions
21 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"रिश्तों की महत्ता और उनकी मुलामियत पर सुन्दर दोहे प्रस्तुत हुए हैं, आदरणीय सुशील सरना…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service