For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कल पंद्रह अगस्त है. मैंने सोचा की कुछ लिखूं इस स्वतंत्रता दिवस पर. लिखने बैठा तो कुछ या पंक्तियाँ बनी मेरे मस्तिस्क और ह्रदय में. मई उनको आपके सामने रख रहा हूँ|

वर्षों से थी पराधीनता से भारत माता ग्रस्त|
समय सुहाना सैंतालिस का, आया पंद्रह अगस्त||

आया पंद्रह अगस्त हुआ था नया सवेरा|
देश हुआ आज़ाद, फिरंगियों ने भारत छोड़ा||

गैरों की मर्ज़ी से था, जो चलता जीवन|
अपने बस में हुआ, खिल गए वन औ' उपवन||

खिंजा हटी बागों से, आया था बहार का मौसम|
नयी कोंपलें निकली, खिला था जन का तन-मन||

आओ याद करें उस दिन को, याद करें बलिदान|
लें सौगंध की हिंद के लिए, देंगे अपनी जान||

आशीष यादव "राजा रुपर्शुखम "

Views: 381

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on August 16, 2010 at 8:46am
सब लोगो को मेरा प्रणाम,
मुझे अपार ख़ुशी है की आप लोगो की मेरी कविता अच्छी लगी. आप लोग ऐसे ही मेरा उत्साह वर्धन करते रहे. मै और अच्छा लिखने की कोशिश करूँगा|
आप सभी लोगो को धन्यवाद|

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 15, 2010 at 7:04pm
बेहतर प्रयास है. शुभ-शुभ हो
Comment by sanjiv verma 'salil' on August 15, 2010 at 11:58am
अच्छा प्रयास. शुभकामनायें.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 15, 2010 at 11:13am
वाह आशीष भाई वाह , बहुत खूब , सर्वप्रथम तो मैं भी आपको स्वतंत्रता दिवस की बधाई देना चाहता हूँ तत्पश्चात स्वतंत्रता दिवस पर लिखी इस खुबसूरत और बेहतरीन रचना पर भी बधाई स्वीकार करे,बहुत ही उम्द्दा और सुंदर शब्दों से सुसज्जित शानदार रचना, बहुत बहुत धन्यवाद इस रचना पर,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on August 15, 2010 at 11:04am
आया पंद्रह अगस्त हुआ था नया सवेरा|
देश हुआ आज़ाद, फिरंगियों ने भारत छोड़ा||

आज आज़ादी के 63 वें सालगिरह पर आपकी इतनी अच्छी रचना आई इससे ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार धन्य है,,...बहुत बहुत धन्य्बाद इतनी अच्छी रचना पोस्ट करने के लिए...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
39 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service