For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन पागल बौराय है, इसे कोउ समझाय,
बीत गया है जो समय, लौट कभी न आय  !   
.
जिसकी जो गति वो लिखा वही बने तक़दीर ,
होनी तो होके रहे, सहज हो या गंभीर  ,
.
दुःख से घबराओ नहीं, सुख का ये आधार,
दुःख से डर के भागना, बदलो ये व्यवहार,


दिलकी दिल में रख छुपा, नहीं किसी को बोल ,
ठेस किसी को न लगे ,सोच समझ मुँह खोल ,
.
जो करो रूह से करो, जैसा मन को भाय,
उसको ही सच जानिये, जो जग देत सुखाय !

नारी की इज्जत करो, दो पूरा सम्मान,
दुर्गा रूप है बालिका, ब्याही मात समान ,
.
जो सोया वो खो दिया, जागे सब कुछ पाय,
जो पर में सुख ढूँढता, जगत लिया अपनाय !


Views: 529

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on November 3, 2011 at 2:13pm

dhanyavad ambarish ji

Comment by Er. Ambarish Srivastava on November 2, 2011 at 12:16am

//जो करो रूह से करो, जैसा मन को भाय,

उसको ही सच जानिये, जो जग देत सुखाय !//

जो भी कर लो रूह से , जैसा मन को भाय,

उसको ही सच जानिये, जो जग देत सुखाय !
//नारी की इज्जत करो, दो पूरा सम्मान,
दुर्गा रूप है बालिका, ब्याही मात समान ,//
/इज्जत नारी की करो, दो पूरा सम्मान,
दुर्गा रूप है बालिका, ब्याही मात समान

बहुत खूब गुरु जी ! इन दोहों की रचना के लिए हार्दिक बधाई !

Comment by Rash Bihari Ravi on October 27, 2011 at 2:54pm

dhanyavad ashish bhai

Comment by आशीष यादव on October 27, 2011 at 2:46pm
वाह गुरू जी, बड़े नेक विचारोँ वाले दोहे रच दिए आप। बधाई स्वीकार कीजिए।
Comment by Rash Bihari Ravi on October 27, 2011 at 1:10pm

dhanyavad saurabh bhaiya , yograj sir and satish bhai 

Comment by satish mapatpuri on October 26, 2011 at 8:21pm
ये हुई न बात .................. कमाल कर दिए गुरूजी .............. दाद कबूल
करें साथ ही दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं भी

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 25, 2011 at 4:54pm

वाह वाह गुरु जी - क्या सुन्दर दोहे कहे हैं !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 24, 2011 at 4:04pm

अच्छी और समझदार कोशिश के लिये मेरी शुभकामनाएँ रविजी.

ये तो दिवाली गिफ़्ट है भाई ! आपका प्रयास बना रहे.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय जैफ जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. वरिष्ठ जनों के  सुझाओं पर ध्यानकर्षण निवेदित…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार ... सादर "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service