For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जन्माष्टमी पर विशेष : नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की

जन्माष्टमी पर विशेष : नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की

मथुरा में कंस की दुष्टता दिनों-दिन बढ़ती जा रही थी। उसके अत्याचारों से त्रस्त जनता भगवान से नित्य प्रार्थना करने लगी। एक दिन आकाशवाणी हुई कि देवकी और वसुदेव की आठवी संतान कंस का सर्वनाश करेगी। इसके बाद कंस ने देवकी और वसुदेव को करागार में बंदी बना कर रख दिया। अब उनकी जो भी संतान होती उसे कंस मार डालता। परन्तु देवकी और वसुदेव ने यह निश्चय कर लिया था। कि वे अपनी आठवी संतान को जरुर बचायेंगे। जैसे ही कृष्ण का जन्म हुआ वसुदेव उन्हें बांस की डलिया में छिपाकर नंदगाव ले आए और नंदबाबा के घर देने आए।
वर्षा है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। खुशी के मारे यमुना जी उफन कर वसुदेव की टोकरी में लेटे कन्हैया के चरण चूमने का प्रयास कर रही है। कल्पना करते ही यह सारा का सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने चल चित्र की तरह घूम गया। श्रावण मास की पूर्णिमा जिसे हम रक्षा बंधन के रुप में मानते है। उसके ठीक आठवे दिन कृष्ण जन्म महोत्सव पूरे भारत देश मे धूमधाम के साथ मनाया जाता है “जनमाष्टमी“ का प्रमुख उत्सव मथुरा और वृन्दावन में होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार धरती पर बढ़ रहे अपराधों ओर अत्याचारों को मिटाने के लिए द्वापर युग में विष्णु ने कृष्ण के रुप में अवतार लिया। जिन परिस्थितियों में कृष्ण ने जन्म लिया वे बड़ी विकट थी नंद बाबा ने उस बालक को रख लिया तथा अपने घर जन्मी कन्या को वसुदेव जी को दे दिया। जब कंस ने यह खबर सुनी कि देवकी ने आठवीं संतान को जन्म दिया है तो वह कारागार की ओर दौड़ा और जैसे ही उसने बच्ची को मारने के लिए उठाया वह कंस के हाथ से छूटकर देवी के रुप में प्रकट हुई और हंसते हुए बोली हे दुष्ट तुझे मारने वाला-कही और जन्म ले चुका है और अंतर्ध्यान हो गई।

बालपन से ही कृष्ण गोकुल वासियों के मनमोहन थे, उनके ह्दय की धड़कन थे। उन्हें माखन और दही बहुत प्रिय था। वे नित नई बाल लीला से नंदगांव के निवासियों को लुभाते । कृष्ण ने अनेक असुरों का नाश किया। तथा ब्रज के वासियों को विपदाओं से बचाया। कृष्ण के जन्म को मनाने के लिए पूरे श्रावण मास से झूलनोंत्सव और रासलीलाएं आयोजित की जाती है। आज के समय में मटकी से दही भरकर काफी ऊंचाई पर टांगते है। जिसे बिना किसी सहारे के एक समूह के लोग एक के ऊपर एक स्तंभ रुप में चढ़ते है और उस मटकी को फोड़ते हैं। जो समूह विजेता होता है उसे इनाम दिया जाता है। जिन शहरों में इस प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है उस शहर के प्रतिष्ठित नागरिक तथा व्यापारी वर्ग इनाम घोषित करते है। यह एक मनोरंजक दृश्य होता है।
कृष्ण मंदिरों में पूरे मास सतसंग, रासलीला तथा गोपाल काला आदि का आयोजन किया जाता है। जम्माष्टमी के दिन श्रद्धालु दिनभर उपवास करते हैं तथा मंदिर या अपने घर में रात 12 बजे कृष्ण जन्म मनाते हैं। घर में अनेक प्रकार के स्वादिष्ट पकवान, दूध, दही से उन्हें भोग लगाते है। फिर भोजन करते है।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व बताने के लिए शालाओं और मन्दिरों में कृष्ण के समय और लीलाओं की झांकिया लगाई जाती है। जिसमें यमुना किनारे गंेद खोलने का दृश्य, माखन चुराने का दृश्य, कालिया नाग से लड़ाई का दृश्य, गोर्वधन पर्वत उठाये हुए कृष्ण तथा रासलीला के दृश्य प्रमुख होते है।
आज आधुनिकता का बोलबाला है, हमारी पूजा का स्वरूप अवष्य बदल गया है, परन्तु श्रद्धा में कोई कमी नहीं। आज भी हम उसी भक्तिभाव से व्रत और पूजा करते हैं।
जया केतकी

Views: 5597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on August 22, 2011 at 11:59am
 बहुत बढियां जया जी इस महोत्सव पर   उपयोगी ज्ञानवर्धक लेख | आपको और सभी ओ बी ओ सदस्यों को जय श्री कृष्ण !!
Comment by aleem azmi on September 3, 2010 at 10:14pm
bahut sunder ....badhai ho

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 1, 2010 at 6:40pm
बहुत खूब जया बहन, एक छोटे से लेख में कृष्ण की पौराणिक कहानी और आज मनाये जाने वाले कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार के बारे मे जानकारी दे दिया है, धन्यवाद इस लेख पर ,
आप सबको जन्माष्टमी की ढेर सारी बधाई, जय श्री कृष्ण,
Comment by alka tiwari on September 1, 2010 at 6:18pm
Jai Ladoo Gopal ki.
Comment by आशीष यादव on September 1, 2010 at 3:04pm
जया जी प्रणाम,
जया जी आपको मेरी तरफ से जन्माष्टमी की शुभकामनाएं|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. बृजेश जी मुझे गीतों की समझ कम है इसलिए मेरी टिप्पणी को अन्यथा न लीजियेगा.कृष्ण से पहले भी…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. रवि जी ,मिसरा यूँ पढ़ें .सुन ऐ रावण! तेरा बचना है मुश्किल.. अलिफ़ वस्ल से काम हो…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. रवि जी,ग़ज़ल तक आने और उत्साह वर्धन का धन्यवाद ..ऐ पर आपसे सहमत हूँ ..कुछ सोचता हूँ…"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अनुज बृजेश , प्रेम - बिछोह के दर्द  केंदित बढ़िया गीत रचना हुई है , हार्दिक बधाई आदरणीय…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई  ग़ज़ल पर उपस्थिति  हो  उत्साह वर्धन  करने के लिए आपका…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश ,  ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका आभार , मेरी कोशिश हिन्दी शब्दों की उपयोग करने की…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय अजय भाई ,  ग़ज़ल पर उपस्थिति हो  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार "
yesterday
Ravi Shukla commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों को केंद्र में रख कर कही गई  इस उम्दा गजल के लिए बहुत-बहुत…"
yesterday
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी, अच्छी  ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें. अपनी टिप्पणी से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाई जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छी प्रयास है । आप को पुनः सृजन रत देखकर खुशी हो रही…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service