जब भी तुझको पाने का ख्याल आए |
पाए किस तरह ज़हन में सवाल आए ||
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छोड़ कर हिया वो आ लगे गले से ,
जब उनसे हम पूछने उनका हाल आए |
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बिन उनके तो हम बैठे रहें बुझे से ,
उन्हें देख कर सूरत पे जलाल आए |
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पकड़ा हाथ मिरा उसने बड़ी अदा से ,
जब लौटाने हम उनका रुमाल आए|
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भूलें कैसे हम उनकी हसीन यादें ,
पिछली यादों को दिल में संभाल आए |
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यारो मिल कर एजद से करें दुआ हम ,
अपनी महफ़िल में रंग-ए-गुलाल आए |
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बहुत मंशा है मिलने की उन दोस्तों को,
जो इस जिंदगी में बनके मिसाल आए ||
Comment
हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद आप सब दोस्तों का ...:)
बहुत खूब जनाब
//पकड़ा हाथ मिरा उसने बड़ी अदा से ,
जब लौटाने हम उनका रुमाल आए|//
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वाह वाह वाह - भई क्या कमाल की रूमानियत है. बहुत खूब.
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