हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन l
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
सुबह-सुबह उठी जब मुन्नी
बोली मेरी स्कूल से छुट्टी
भैया की कालेज से छुट्टी
पापा की आफिस से छुट्टी
मौज ही मौज है सारा दिन l
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन l
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
निकलेगा जलूस सड़कों पर
देखेंगे टीवी हम मिलकर
हाथों में सधा तिरंगा होगा
भरत नाट्यम डांस भी होगा
होगी तब खूब ताक धिना-धिन l
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन l
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
देंगे स्पीच प्राइम मिनिस्टर
हम चुप बैठेंगे पापा से डरकर
किचन में मम्मी जायेगी
हलवा और खीर बनायेगी
नभ पर पतंगें उडेंगी अनगिन l
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन l
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
-शन्नो अग्रवाल
Comment
राजेश कुमारी जी, आपका हार्दिक धन्यबाद.
sundar,komal ehsaas liye bal geet.badhaai.
सौरभ जी, आपकी बाल-रचना पढ़ने के बाद ही दिमाग में आया था कि चलो हम भी कुछ ट्राई करें..:) और आपको ये रचना पसंद आई..सराहना के लिये बहुत आभारी हूँ. आपका हार्दिक धन्यबाद.
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