ग़ज़ल...
Comment
शे’रों से उछल-उछल कर निकलते भाव आपकी संवेदना की गवाही दे रहे हैं.
बहुत खूब !
अच्छा मतला कहा है
शेर भी अच्छे हुए हैं
हार्दिक बधाई
एक दो जगह शेर लय से भटक रहा है देख लीजिए
aabhar Rjesh kumari ji.
rochak ghazal.bahut khoob.
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