हाइकु
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देकर दवा
मत देना जहर
करना दुआ
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बीमार मन
प्रदूषित शरीर
घायल सब
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दिल दर्द से
तड़पता हैं जब
होते पराये
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ताल छूते तो
बिखेर जाती लय
सीधी सी बात
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आँखों की भाषा
बखूबी समझते
प्रेमी-प्रेमिका
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Comment
shuriya mitro ,kadam chal padi hain to manjil nishchit hain , aap sabhi ne itni achchi tarah mera swaagat kiya achcha laga shukriya bahut jald nai rachna lekar upasthit hungi.....
सुंदर रचना,स्वागत,आपका मंच पर
मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है रीटा जी! सुंदर हाइकू के साथ आगाज़ किया आपने|
AADARNIYA RITA JI, SADAR ABHIVADAN.
SWAGAT HAI APKA IS MANCH PAR. BADHAI SUNDAR PRASTUTI HETU.
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