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Dr Ajay Kumar Sharma
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Profile Information

Gender
Male
City State
Chamba , Himachal Pradesh
Native Place
Dehradun., UK ; Muzaffar Nagar ,UP
Profession
Senior Medical Officer
About me
Human

Dr Ajay Kumar Sharma's Blog

कहाँ छिपी हो पवन सी ?

कहाँ छिपी हो

पवन सी ?

हो मुझ में 

जैसे कि

बदरी पवन में.

आती है बदरी

दिखाई भी देती है वो.

पर सत्य है ये कि

आती है सिर्फ पवन

नीर कि बूंदों को ले कर.

पर दिखती नहीं .

दिखाई तो सिर्फ देती है

बदरी ....

मैं - तुम

बदरी - पवन .

 

~ Dr Ajay Kumar Sharma

Posted on April 20, 2012 at 10:56am — 1 Comment

अंधे रास्ते..

अंधे रास्ते

 


ये वो रास्ते है

जो अंधे हैं

ये कर देते हैं

मजबूर पथिक को

रुकने को कभी

तो कभी लौटने को.

करते हैं जो हिम्मत

बढ़ने की आगे,

लडखड़ा जाते हैं वो भी

कुछ कदम पर ही .

आखिर क्यों ?

चांदनी सा बदन

दिलों का मिलन 

कसमें वादे  

मज़बूत इरादे 

दुनिया से बगावत

डेटिंग व दावत

माँ -बाप, मित्र अपने

मखमली -रुपहले सपने 

हो जाते हैं धूमिल 

इन अंधे रास्तों में  ..

मेरे महबूब  

नहीं…

Continue

Posted on April 3, 2012 at 4:10pm — 4 Comments

क्यों हम लौट चलें !

क्यों हम लौट चलें !

कि चाहत देख कर हमारी  ज़माना जलता है ,

कि घर बहार हर दम कोई फ़साना  पलता है .

निगाहें घूम जाती हैं, तेरे साथ आने से

दीवारें सुन ही लेती हैं हमारे गुनगुनाने से

क्यों हम लौट चलें !

ये अंकुर है जो फूटा है, नहीं शुरुआत ये जाना

ये बढ़ते कदम तो बस एक परवाज़ है जाना .

ये दीपक है जो लड़ता है , तूफां में अँधेरे में,

ये जुगनू चमकेगा फिर से, अंधियारे घनेरे  में

क्यों हम लौट चलें !

ये मंजिल बन चुकी है…

Continue

Posted on March 31, 2012 at 4:54pm — 1 Comment

गीतों से दिल की बातें, कैसे तुम्हें सुनाऊं ..

गीतों से दिल की बातें, कैसे तुम्हें सुनाऊं  .

बेबस नयन की बोली, कैसे तुम्हें दिखाऊ.

दिल कुमुदनी सा देखो, प्रियतम मेरी तुम्हारा ,

चन्द्र चन्द्रिका से दिल की, कैसे इसे खिलाऊं .

दर्पण से दिल में जो भी ,संजोये तुमनें सपने ,

दर्पण में अक्स दिल का , कैसे तुम्हें दिखाऊ.

काज़ल ने है बचाया, नज़र से ज़माने की ,

वो ख्वाब तुम्हारे हैं, ज़माने से मैं छिपाऊं .

ऋतु बसंत पतझड़ पर, छा गयी गुलिस्ताँ में,

मैं खिल उठा…

Continue

Posted on March 22, 2012 at 4:36pm — 8 Comments

Comment Wall (9 comments)

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At 4:48pm on March 17, 2012, praveen singh "sagar" said…

aapka dil se aabhaar vyakt karta hun. kripya sneh banaaye rakhen.

At 5:55pm on February 25, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 8:34pm on February 10, 2012, Abhinav Arun said…
आदरणीय डॉ अजय जी आपकी रचना को माह की श्रेष्ठ रचना चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
At 9:04am on February 7, 2012, आशीष यादव said…
आपकी रचना को माह की श्रेष्ठ रचना चुने जाने पर बधाई स्वीकारेँ
At 6:35pm on February 6, 2012,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

डा. अजय कुमार शर्मा जी, आपकी विशिष्ट रचना ’तुमने पूछा’ को माह की सर्वश्रेष्ठ रचना चयनित किये जाने पर हार्दिक बधाई. आपकी प्रस्तुत रचना इस मंच पर सार्थक सृजन का अन्यतम उदाहरण सदृश है. सहयोग बना रहे.

At 5:35pm on February 6, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय डॉ अजय कुमार शर्मा जी,

सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "तूमने पूछा" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको पुरस्कार राशि रु ५५१ और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु) तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे |
धन्यवाद,
आपका
गणेश जी "बागी"

संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 7:42pm on September 14, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 8:45pm on September 9, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 11:03pm on September 5, 2011, Admin said…

 
 
 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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