जय जय ओ.बी.ओ. जय जय ओ.बी.ओ.
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स्नेही मृदु जी , सादर , आईये हम सब मिल गायें जय ओ.बी.ओ.. धन्यवाद. स्नेह बनाये रखिये.
ओ बी ओ के प्रति ऐसे उन्नत भावों से लिखी गई रचना पर बधाई स्वीकार करें सर
आदरणीय केसरी जी, सादर, आप भाव के प्रति नतमस्तक हैं मेरा प्रयास सफल हुआ. मैं आपकी इस भावना के प्रति नतमस्तक हूँ, धन्यवाद. स्नेह बनाये रखिये.
वाह प्रदीप जी, इस सुन्दर भावना के सम्मुख नत हूँ
स्नेही वाहिद जी., सादर , अब भी कहने की बात है. हम लोग कहाँ से जुदा जुदा दीखते हैं. धन्यवाद. प्रोत्साहन हेतु.
आदरणीय सौरभ गुरु जी., सादर प्रणाम हीरा न भी बनू पर ये सौभाग्य क्या कम है की आप जैसी संगत में खड़े होने को मिला और बात होती है. धन्यवाद. प्रोत्साहन हेतु.
आदरणीय बागी जी, जीवन के शेष क्षण राष्ट्र के काम आ जाएँ बस. साहित्य सेवा भी राष्ट्र का एक अंग हैं. आप विद्वानों की तरह मैं मंदिर की मूर्ति में बसा भगवान् तो नहीं हूँ हाँ सफाई का का कार्य ही करता हूँ. ओ.बी.ओ. गीत मेरी तमन्ना है. अगर कार्यक्रम में बजे तो अच्छा रहेगा. धन्यवाद. प्रोत्साहन हेतु.
आपके ही विचार मेरे भी विचार हैं! एक तरह से आपने मेरे भावों को भी शब्द दे दिए हैं| आपके लिए कोटिशः बधाईयां!
आदरणीय प्रदीपजी, हमें मालूम है इस मंच के प्रति आपका लगाव और सदस्यों के प्रति आपकी सदाशयता ने आपको इस गीत की प्रेरणा दी है. हम सभी आपकी इस साहित्यिक यात्रा के भाग्यशाली गवाह हैं. यह वाकई रोचक है.
आपका निरंतर लेखन ही आपका प्रथम गुरु है आदरणीय. मैं ऐसा आपके सीखने की भाव-तीव्रता के क्रम में आप द्वारा हुए उद्बोधनों, जिसे आपने इस मंच की कई-कई टिप्पणियों में खुल कर किया है, के कारण कहने की हिमाकत कर रहा हूँ.
इस गीत की भाव-दशा प्रणम्य है. सादर.
आदरणीय प्रदीप जी, ओ बी ओ के प्रति आपके भावनाओं को सलाम तथा इस अभिव्यक्ति पर साधुवाद |
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