For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमें आजादी चाहिये --

 

चाहिये ,चाहिये , चाहिये ,

हमें आजादी चाहिये ,

तुम्हारे गम से , तुम्हारी खुशी से ,

तुम्हारे ऐश से , तुम्हारे आराम से ,

तुम्हारे भोग से , तुम्हारे उपभोग से ,

तुम्हारे हुक्म से , तुम्हारे हुक्मउदूली से ,

तुम्हारे न्याय से , तुम्हारे अन्याय से ,

तुम्हारे शोषण से , तुम्हारी दया से ,

तुम्हारी नीति से , तुम्हारी अनीति से ,

तुमसे , तुम्हारी छाया से ,

तुमसे , तुम्हारी चाकरी से ,

तुमसे , तुम्हारे प्रेम से ,

तुमसे , तुम्हारी नफ़रत से ,

चाहिये , चाहिये , चाहिये ,

हमें आजादी चाहिये ,

तुम्हारी हर बात से आजादी चाहिये ,

तुम एक प्रतिशत भी नहीं ,

हम निन्यानवे प्रतिशत हैं ,

तुम वतनखोरों के चंगुल से ,

मुल्क को आजादी चाहिये ,

क्योंकि हम मुल्क हैं ,

है वतन मुल्क हमारा ,

मुल्क को भी बेच कर मुनाफ़ा कमाने वालो ,

दुनिया में नहीं कोई वतन तुम्हारा ,

तुमसे चाहिये ,

चाहिये , चाहिये , चाहिये ,

हमें आजादी चाहिये ,

हमें आजादी चाहिये ,

Views: 488

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on May 17, 2012 at 7:18pm

अरुण जी आपने इस रचना के माध्यम से आम आदमी के  मनोभावों और व्यथा को बखूबी प्रस्तुत किया है| आपको हार्दिक बधाई !

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 18, 2012 at 11:01pm

ham panchi ek daal ke udte firte basayen apna jahan. badhai. aadarniy mahodaya ji, saadar abhivadan ke saath.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 17, 2012 at 11:49pm

भाई अरुणकांत जी, इस तेवर को सम्भाल कर रखियेगा. अस्सी के दशक की लीकतोड़ू कविताई याद आ गयी.

बधाई.

Comment by Sarita Sinha on April 17, 2012 at 9:02pm

आदरणीय अरुण कान्त जी....नमस्कार,

बहुत सरल तरीके से आप ने बहुत गंभीर बात कही है...अभी हम आजाद कहाँ है? वास्तव में हमें यही आज़ादी चाहिए...
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 17, 2012 at 6:38pm

श्रद्धेय सर,

इसी आज़ादी के लिए तो मुल्क आज तक तड़प रहा है| कविता की श़क्ल में आपने हर आम नागरिक के मनोभावों और व्यथा को बखूबी प्रस्तुत किया है| हार्दिक बधाई आपको,

Comment by अरुण कान्त शुक्ला on April 15, 2012 at 5:48pm

आदरणीय , प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद . आशीर्वाद बना रहे .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 15, 2012 at 4:32pm

तेवर कड़े हैं, रचना एक अलग कलेवर के साथ प्रस्तुत है, इस अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकारें आदरणीय अरुण जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service