मिल बैठ कर परिजनों ने बात नही की थी
पर नज़रें मिलीं थी आपसे
शहनाईयां नही बजी थी
पर तार दिलों के झनझनाए थे
दिए-बत्तिय़ों की चकाचौंध नही हुई थी
पर जज़्बातों की शम्मां रौशन हुई थी
महफिलें नहीं सजीं थी
पर दो जनों की मुलाकात थी
बाराती मिलन समारोह हुआ था
पर दो आत्माएं अक्सर मिलती थीं
नाच-गाने नही हुए थे
पर अंतर के मयूर नाचा करते थे
गठबंधन नही हुआ था
पर दो मन जुङ गए थे
विदाई भी कहां हुई थी
पर अपनों से बेगाने हो गए थे हम
कहां गुजरे रस्मों-रिवाजों से
पर जाने कब आपके हो गए
समाज हमें आपका,आपको हमारा माने ना माने
हमारी चाहतों को मुकम्मल करे ना करे
हम तो हर जनम के लिए आपके हो चुके
कैसे बताएं सबसे शादी ना हुई तो क्या हुआ
“ प्यार तो हो गया”
Comment
मीनू दीदी सादर प्रणाम
pyar ka bandhan hai , pyar to hona hi tha.
समाज हमें आपका,आपको हमारा माने ना माने
हमारी चाहतों को मुकम्मल करे ना करे
हम तो हर जनम के लिए आपके हो चुके
कैसे बताएं सबसे शादी ना हुई तो क्या हुआ
“ प्यार तो हो गया”
snehi minu ji, sadar
naye tarike se bhavatmak rachna, badhai.
कैसे बताएं सबसे शादी ना हुई तो क्या हुआ
“ प्यार तो हो गया”
अच्छी काव्य रचना मीनू जी हार्दिक badhai आपको !!
उम्दा प्रस्तुति मीनू जी! बधाई हो!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online