For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निर्मल मन मैला बदन , नन्हे नन्हे हाथ 
रोटी का कैसे जतन,समझ ना पाए बात (1) 

तरसे एक -एक कौर को ,भूखे कई हजार 
गोदामों में सड़ रहे, गेहूं के आबार (2) 

शून्य में देखते नयन , पूछ रहे है बात 
प्रजा तंत्र के नाम पर,क्यूँ करते हो घात (3) 

सीना क्यूँ फटता नहीं, भूखे को बिसराय 
हलधर का अपमान कर,धान्य, जल में बहाय (4) 

शासन की सौगात हो, या किस्मत की हार 
निर्धन को तो झेलनी, ये जीवन की मार (5) 

रंक का चूल्हा न जले, ना लकड़ी ना तेल 
मंत्रियों तक दौड रही ,सिलेंडरों की रेल (6) 

दिन हैं भ्रष्टाचार के,सत्य रहा है काँप 
मंहगाई की बीन   पे, नाच रहे हैं साँप  (7) 

बिगड़ी सूरत देश की ,किस के जल से धोय 
गंगा भी मैली करी,  बचा उपाय न कोय (8)

*******

Views: 712

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 24, 2012 at 10:29am

संवेदना, भाव और कहन की दृष्टि से अति समृद्ध छंद प्रयास पर साधुवाद.

आदरणीया, छंद-विधा सम्बन्धी तथ्यों की जानकारी पर भी आप यथोचित समय दें तो आपकी रचनाएँ प्रविष्टि मात्र की संज्ञा न रह जायँ.  उच्च कहन से समृद्ध रचनाएँ हर कसौटी और मानकों पर खरी उतरेंगीं. उसपर से प्रस्तुत प्रविष्टि दोहा छंद के सन्निकट है जो ओबिओ का अत्यंत दुलारा छंद है.

सादर

Comment by Bhawesh Rajpal on June 24, 2012 at 9:38am
क्या खूब कटाक्ष किया है आपके दोहों ने  ! ये राजनीतिज्ञों के मुंह पर करारे तमाचे हैं , आज़ादी को ६५ वर्ष हो चुके हैं , अब तक हमारा विकास अधूरा है , हमारे देश में अगर एक भी व्यक्ति को भूखा रहना पड़े तो  ये असफलता है हमारे कर्णधारों की , उन्हें खुद का पेट , स्विस बैंक भरने से ही फुर्सत नहीं है , जनता के सामने , मीडिया में एक -दूसरे पर कुत्तों की तरह भोंकते हैं ,  परदे के पीछे  गले मिल कर पार्टी करते हैं ,  अन्ना जी और उनकी टीम जब सत्य उजागर कर जनता को जागरूक करने का काम कर रही है , तो सब मिल कर उनके दोष ढूँढने की कोशिश कर रहे है, ताकि  उनकी छवि जनता में खराब हो और उन्हें जन-समर्थन  न मिले ! लेकिन हमें आशा है  उनका आन्दोलन अवश्य सफल होगा , और भ्रष्टाचारियों का काला चेहरा  एक दिन जनता देखेगी  ! 
  आपको बहुत-बहुत बधाई  आदरणीय राजेश कुमारी जी  !

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 23, 2012 at 6:41pm

hahaha nahi lungi pradeep ji main bhrashtachar virodhi hoon.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 23, 2012 at 5:07pm

वाह जी वाह गुरु मन्त्र नहीं देंगी,

सिलेडर पर ब्लैक के पैसे लेंगी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 23, 2012 at 4:49pm

हाहाहा प्रदीप कुमार कुशवाह जी भेज  रही हूँ ...एनी वे हार्दिक शुक्रिया दोहे आपको पसंद आये 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 23, 2012 at 4:41pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी , सादर 

वास्तविक चित्रण करारा  व्यंग 

युगलबंदी देख हम हो गए दंग

हम हो गए दंग कैसे सब लिखती हैं 

कथा, कविता हो गजल सब जंचती हैं

थोडा सा गुरु मन्त्र  हमें भी पिलवा दो

घर में नहीं गैस  १ सिलेंडर दिलवा दो 

बधाई  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
12 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
17 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
yesterday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service