For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी

हांग कांग  की छटा है प्यारी बाबाजी
पर भारत  की बात ही न्यारी बाबाजी

प्यार मिला, सम्मान मिला इस महफ़िल में
ओ बी ओ पर मैं बलिहारी बाबाजी

रूपया रोक न पाया ख़ुद को गिरने से
डॉलर ने  वो  बाज़ी मारी बाबाजी

ममता,ललिता,सुषमा तीनों गायब हैं
तन्हा रह गये अटल बिहारी बाबाजी

कौन बनेगा सदर हमारे भारत का
ये भी संकट है इक भारी बाबाजी

चाट पकौड़ी खाओ,  किरपा आएगी
कहते  बाबा लीलाधारी  बाबाजी

'अलबेला' की इस रचना पर लानत है 
फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी

Views: 898

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:30am

हा हा हा ..........वाह राजेश कुमारी जी...तो आप आ गये हो ताल ठोंक कर मैदान में....लेकिन एक बात कहता हूँ ...कहना मत किसी से...

मैंने दादाजी को छोड़ कर बाबाजी को इसलिए स्वीकार किया है  क्योंकि बाबाजी बहुत रंगीले  और परिवर्तनशील हैं....आप जानते ही हैं कि पहले पिता के पिता  यानी दादाजी को बाबा कहा जाता था  और आजकल बेटे के बेटे  यानी पोते को बाबा कहा जाता है ...इतना क्रांतिकारी  किरदार और कहाँ   मिलेगा .....आपकी दादीजी तो पहले भी दादीजी ही थी..और आगेभी दादीजी ही रहने वाली हैं.....हा हा हा

परिवर्तन की कोई गुंजायश नहीं,,,,,,,,,,,



सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 25, 2012 at 11:24am

कैसे कहें हम इश्क़ ने हमको क्या-क्या खेल दिखाये ... .

ख़ैर, आपने मान दिया है तो सिर आगे किये प्रस्तुत हूँ ! .. :-)))

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:23am
आनन्द करो प्यारे भाई कुमार गौरव जी.........
Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:18am

आदरणीय  सौरभ जी........
आप जब भी  बोलते हैं
रस घोलते हैं
आपकी बेबाकी  आपकी पहचान है  और मेरे लिए अनुकरणीय..........
___सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 25, 2012 at 11:13am
 शब्द वार ये झटपट करता दादी जी      
 ये अलबेला बहुत है नटखट दादी जी
Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:07am

अब सब का ठेका क्या अकेले मैंने ले रखा है राजेश कुमारी जी ?
दादाजी को मैंने पकड़ लिया ....दादी जी  को आप देख लो....हा हा हा

____आपकी सराहना   के लिए धन्यवाद

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 25, 2012 at 10:55am
"भैँस का दूध"...हा...हा...हा, अलबेला भैया, आपकी इसी हाजिरजवाबी का तो कायल हूँ। स्नेह बनाए रखिएगा।
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 25, 2012 at 10:51am
आदरणीया राजेश जी, सही याद दिलाया आपने। जयललिता जी को तो मैँ भूल ही गया था।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 25, 2012 at 10:50am

'अलबेला' की इस रचना पर लानत है
फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी.. . 

ग़ज़ब.. ग़ज़ब.. ग़ज़ब !  साहब, आईना हाथ में हो तो फिर बात ही क्या है ! अलबत्ता, अक्सर लोग किन्हीं आँखों की भंगिमाओं का आसरा और अनुमोदन चाहने के फेर में अतुकांत होते चले जाते हैं .. .

बहुत-बहुत बधाई .. .

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 10:47am

प्यारे भाई कुमार गौरव अजीतेंदू जी ! नाराज़गी और आप से ?  सवाल ही कहाँ पैदा होता है भाई ?  आपने कौन सी मेरी भैंस  का दूध  दूह लिया  ? हा हा हा ........

रहा प्रश्न  ललिता का ....जानते नहीं  ललिता को..........कमाल है  अरे भाई जयललिता  ! प्यार से आदमी कभी कभी पूरा नाम नहीं लेता ..समझ गये न ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service