हांग कांग की छटा है प्यारी बाबाजी
पर भारत की बात ही न्यारी बाबाजी
प्यार मिला, सम्मान मिला इस महफ़िल में
ओ बी ओ पर मैं बलिहारी बाबाजी
रूपया रोक न पाया ख़ुद को गिरने से
डॉलर ने वो बाज़ी मारी बाबाजी
ममता,ललिता,सुषमा तीनों गायब हैं
तन्हा रह गये अटल बिहारी बाबाजी
कौन बनेगा सदर हमारे भारत का
ये भी संकट है इक भारी बाबाजी
चाट पकौड़ी खाओ, किरपा आएगी
कहते बाबा लीलाधारी बाबाजी
'अलबेला' की इस रचना पर लानत है
फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी
Comment
हा हा हा ..........वाह राजेश कुमारी जी...तो आप आ गये हो ताल ठोंक कर मैदान में....लेकिन एक बात कहता हूँ ...कहना मत किसी से...
मैंने दादाजी को छोड़ कर बाबाजी को इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि बाबाजी बहुत रंगीले और परिवर्तनशील हैं....आप जानते ही हैं कि पहले पिता के पिता यानी दादाजी को बाबा कहा जाता था और आजकल बेटे के बेटे यानी पोते को बाबा कहा जाता है ...इतना क्रांतिकारी किरदार और कहाँ मिलेगा .....आपकी दादीजी तो पहले भी दादीजी ही थी..और आगेभी दादीजी ही रहने वाली हैं.....हा हा हा
परिवर्तन की कोई गुंजायश नहीं,,,,,,,,,,,
कैसे कहें हम इश्क़ ने हमको क्या-क्या खेल दिखाये ... .
ख़ैर, आपने मान दिया है तो सिर आगे किये प्रस्तुत हूँ ! .. :-)))
आदरणीय सौरभ जी........
आप जब भी बोलते हैं
रस घोलते हैं
आपकी बेबाकी आपकी पहचान है और मेरे लिए अनुकरणीय..........
___सादर
अब सब का ठेका क्या अकेले मैंने ले रखा है राजेश कुमारी जी ?
दादाजी को मैंने पकड़ लिया ....दादी जी को आप देख लो....हा हा हा
____आपकी सराहना के लिए धन्यवाद
'अलबेला' की इस रचना पर लानत है
फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी.. .
ग़ज़ब.. ग़ज़ब.. ग़ज़ब ! साहब, आईना हाथ में हो तो फिर बात ही क्या है ! अलबत्ता, अक्सर लोग किन्हीं आँखों की भंगिमाओं का आसरा और अनुमोदन चाहने के फेर में अतुकांत होते चले जाते हैं .. .
बहुत-बहुत बधाई .. .
प्यारे भाई कुमार गौरव अजीतेंदू जी ! नाराज़गी और आप से ? सवाल ही कहाँ पैदा होता है भाई ? आपने कौन सी मेरी भैंस का दूध दूह लिया ? हा हा हा ........
रहा प्रश्न ललिता का ....जानते नहीं ललिता को..........कमाल है अरे भाई जयललिता ! प्यार से आदमी कभी कभी पूरा नाम नहीं लेता ..समझ गये न ?
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online