रुस्तमे-हिन्द दारासिंह के देहावसान पर उनके प्रशंसक अलबेला खत्री की विनम्र शब्दांजलि
नील गगन के पार गया है बाबाजी
छोड़ के यह संसार गया है बाबाजी
हरा सका न कोई जिसे अखाड़े में
मौत से वह भी हार गया है बाबाजी
देवों को कुछ दाव सिखाने कुश्ती के
कुश्ती का सरदार गया है बाबाजी
अपनी माता के संग भारत माता का
सारा क़र्ज़ उतार गया है बाबाजी
हाय! रुस्तमे-हिन्द को कैसा रोग लगा
हर इलाज बेकार गया है बाबाजी
रिंग का किंग, रिंग तोड़ चला इक झटके में
सुपर किंग के द्वार गया है बाबाजी
दारासिंह के देह अन्त पर 'अलबेला'
दुःख में यह गुरूवार गया है बाबाजी
-अलबेला खत्री
Comment
सत सत नमन माँ भारती के वीर को
चरणों में श्रृद्धा सुमन अर्पित हैं
स्वागत है आदरणीय अलबेला जी, अपने रूस्तमे हिंद को विनम्र श्रद्धांजलि ....सादर
कृतज्ञ हूँ आदरणीय अम्बरीश जी
अलविदा रुस्तमे-हिन्द
__सादर विनम्र श्रद्धांजलि
आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश मापतपुरी जी
सचमुच दारा जी के जाने का दुःख सबको है
__सादर विनम्र श्रद्धांजलि
आपका हार्दिक धन्यवाद आशीष यादव जी........
सचमुच उनके जाने का दुःख सबको है
__सादर
शुक्रिया आदरणीय अलबेला जी ....
मौत बनी है दूल्हन जिसकी आज वहाँ,
छोड़ के सबका प्यार गया है बाबाजी..
स्व० दारा सिंह जी को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार कीओर से विनम्र श्रद्धांजलि .....
.
दारासिंह के देह अन्त पर 'अलबेला'
दुःख में यह गुरूवार गया है बाबाजी
बहुत सुन्दर काव्य श्रद्धांजलि अलबेला जी ...... रुस्तमे हिंद दारा सिंह जी की पुण्य स्मृति को नमन ....
अलबेला जी आपकी काव्यात्मक श्रद्धाञ्जली आँखो मे आँसू खींच दे रही है। एक महान शख्सियत के चले जाने का गम पूरे हिन्दूस्तान को है।
हे रूस्तम-ए-हिन्द तुम कहाँ चले गये।
आपका स्वागत है सीमा जी..........
अपने देश के होनहार और महान व्यक्ति के निधन का दुःख सभी को है
___हमारी श्रद्धांजलि !
वाह वाह लक्ष्मण प्रसाद जी......
बहुत ख़ूब..........
अत्यन्त भावपूर्ण श्रद्धांजलि भेन्ट की आपने............
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online