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कुछ हाइकू
 
१.
है अनासक्त .
निर्मोही सांसारिक .
जीवन-मुक्त .
 
२.
न जीत-हार .
दुआ त्याग करार .
निःस्वार्थ प्यार .
 
३.
संग में खेली .
दूर, फिर भी पास .
सच्ची सहेली .
 
४.
बिम्ब दिखाए .
दोस्ती इक आईना .
अश्रु मुस्काए .

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 27, 2012 at 4:51pm

आ. सुरेन्द्र कुमार जी आपका हार्दिक आभार


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 27, 2012 at 4:50pm

 हार्दिक आभार आ० अशोक कुमार रक्ताले जी

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 27, 2012 at 2:09pm

न जीत-हार .

दुआ त्याग करार .
निःस्वार्थ प्यार .
संग में खेली .
दूर, फिर भी पास .
सच्ची सहेली .
डॉ प्राची जी प्यारे हाइकु ..अच्छा सन्देश ..सटीक ...मुबारक हो 
जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 
Comment by Ashok Kumar Raktale on July 25, 2012 at 11:30pm

प्राची जी

         सादर, सभी हाइकू सुन्दर, बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 25, 2012 at 11:45am

आपका हार्दिक आभार अरुण शर्मा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 25, 2012 at 11:42am

आदरणीय राजेश कुमारी जी,

पहला हाइकू ..मोक्ष को, दूसरा हाइकू प्यार को, व अंतिम हाइकू दोस्ती को सोच  कर लिखा गया है...
आपको ये हाइकू पसंद आये इस हेतु आपका ह्रदय से आभार.
Comment by अरुन 'अनन्त' on July 25, 2012 at 11:42am

अति सुन्दर मन को भा गयी आपकी हाइकू.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 25, 2012 at 11:17am

बहुत सुन्दर कम शब्दों में दोस्ती कि व्याख्या करते हुए तुकांत हाइकु बहुत बहुत अच्छे 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 25, 2012 at 10:54am

डॉ० प्राची जी, आपका हार्दिक स्वागत है ...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 25, 2012 at 10:34am

आदरणीय अम्बरीश जी,

इन हाइकुओं को सराहने हेतु हार्दिक आभार आपका. सादर.

कृपया ध्यान दे...

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