For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

साहित्यिक भाषा में बोलो बाबाजी

पहले अपने शब्द टटोलो बाबाजी
फिर तुम अपना श्रीमुख खोलो बाबाजी

साहित्य के इस मंच पे गर कुछ कहना है
साहित्यिक भाषा में बोलो बाबाजी

जीवन में सुख दुःख का सीधा मतलब है
थोड़ा हँस लो, थोड़ा रो लो बाबाजी

मान गया मैं, नहीं डरे तुम झूले पर
अब तो अपने कपड़े धोलो बाबाजी

ढाई बज गये, बाबी द्वार न खोलेगी
यहीं किसी फुटपाथ पे सो लो बाबाजी

हाथ में थी वो सारी फ़सल उड़ा डाली
साथ की खातिर भी कुछ बो लो बाबाजी

रोने से क्या संकट कम हो जायेंगे ?
आओ झूमो, नाचो, डोलो बाबाजी

'अलबेला' सब रूखापन मिट जायेगा
जीवन में तुम प्यार तो घोलो बाबाजी

-अलबेला खत्री

Views: 1135

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 9:47am

आपका कोटि कोटि  धन्यवाद आदरणीय अम्बरीश जी
विनम्र आभार

आपको  रचना पसन्द आई.........मन गदगद  हुआ......
सादर

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 9:43am

आपका कोटि कोटि  धन्यवाद रक्ताले जी
विनम्र धन्यवाद

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 9:41am

आपका बहुत बहुत धन्यवाद दीप्ति जी

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 9:13am

//जीवन में सुख दुःख का सीधा मतलब है
थोड़ा हँस लो, थोड़ा रो लो बाबाजी

हाथ में थी वो सारी फ़सल उड़ा डाली
साथ की खातिर भी कुछ बो लो बाबाजी

रोने से क्या संकट कम हो जायेंगे ?
आओ झूमो, नाचो, डोलो बाबाजी//

'अलबेला' सब रूखापन मिट जायेगा
जीवन में तुम प्यार तो घोलो बाबाजी//

मंत्र यही है सारे सुंदर जीवन के,

प्यारी प्यारी भाषा बोलो बाबा जी.

आदरणीय अलबेला जी, क्या मस्त-मस्त अशआर कहें हैं .......बहुत बहुत बधाई प्रभु ....सादर

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 27, 2012 at 8:31am

अलबेला जी

               सादर,

ढाई बज गये, बाबी द्वार न खोलेगी
यहीं किसी फुटपाथ पे सो लो बाबाजी

सोने से पहले एक काल कर लो बाबाजी

सलमान का परिवार सो गया ज्ञात कर लो बाबा जी.

'अलबेला' सब रूखापन मिट जायेगा
जीवन में तुम प्यार तो घोलो बाबाजी

बहुत सुन्दर विचार. क्या कहने. वाह!

 

Comment by deepti sharma on July 26, 2012 at 11:27pm

'अलबेला' सब रूखापन मिट जायेगा
जीवन में तुम प्यार तो घोलो बाबाजी

वाह अलबेला जी .... क्या बात कही बाबा जी अति सुंदर

Comment by Albela Khatri on July 26, 2012 at 10:42pm

आपका धन्यवाद आशीष जी........

Comment by आशीष यादव on July 26, 2012 at 10:30pm

बाबा जी श्रृंखला की एक और शानदार पेशकश। मजा आ जाता है आपकी रचनाओं को पढ़कर।
सुन्दर रचना पर बधाई स्वीकार कीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
13 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service