कैसे – कैसे मंजर आये प्राणप्रिये
अपने सारे हुये पराये प्राणप्रिये |
सच्चे की किस्मत में तम ही आया है
अब तो झूठा तमगे पाये प्राणप्रिये |
ज्ञान भरे घट जाने कितने दफ्न हुये
अधजल गगरी छलकत जाये प्राणप्रिये |
भूखे - प्यासे हंसों ने दम तोड़ दिया
अब कौआ ही मोती खाये प्राणप्रिये |
यहाँ राग - दीपक की बातें करता था
वहाँ राग – दरबारी गाये प्राणप्रिये |
सोने – चाँदी की मुद्रायें लुप्त हुईं
खोटे सिक्के चलन में आये प्राणप्रिये |
सच्चाई के पाँव पड़ी हैं जंजीरें
अब तो बस भगवान बचाये प्राणप्रिये |
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)
Comment
आदरणीय अरुन जी क्या बात है बेहद खुबसूरत बधाई स्वीकार कीजिये.....
आदरणीय अरुण जी,
सुन्दर अश'आर के फूलों से सजा आपका यह ग़ज़ल रुपी गुलदस्ता बड़ा ही मनभावन है! सहज सरल शब्दों में एक से बढ़ कर एक गूढ़ बातें कह गए आप! ख़ास तौर से तीसरा शे'र -- अधजल गगरी छलकत जाए... और पांचवां -- यहाँ राग दीपक की बातें करता था.. वाह आपने समां बाँध दिया! आपको और आपकी लेखनी दोनों को ही नमन है! सादर,
बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय सर जी वाह वाह वाह
सादर दाद क़ुबूल कीजिये
हिंदी में ग़ज़ल के प्रचलन को इससे और मजबूती मिलेगी
क्या बात कही है आपने वाह वाह वाह
आदरणीय अरुण जी
सादर,आज के चलन को बखूबी बयान किया है आपने
ज्ञान भरे घट जाने कितने दफ्न हुये
अधजल गगरी छलकत जाये प्राणप्रिये |
सोने – चाँदी की मुद्रायें लुप्त हुईं
खोटे सिक्के चलन में आये प्राणप्रिये |
खोटे खरे सिक्कों कि बात तो बैंक वाले ही बेहतर जान सकते हैं.
हार्दिक बधाई स्वीकार करें.
अरुण जी आपकी इस ग़ज़ल ने मुग्ध कर दिया
आपने जिस खूबसूरती से, सादा शब्दों में सामाजिक विषमताओं को अशआर में ढाला है उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है
लगता है ओ बि ओ पर बेहतरीन ग़ज़लों की वर्षा हो रही है
मन प्रसन्न है
जय हो
शुक्रिया डॉक्टर साहब, आपने इसे पसंद किया, बस मेरी कलम धन्य हो गई.
आभार माननीय अलबेला जी, आपकी वाह से हौसले बुलंद हुये.
वाह उमाशंकर जी, आपने तो हर पंक्ति पर अपने अमूल्य विचार प्रस्तुत करके कृतार्थ कर दिया.
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
अरुण भाई बहुत ही उम्दा ग़ज़ल से नवाजा है इस मंच को आपने। ग़ज़ल का हर शेर अपने आप में एक ग़ज़ल है.....मतले से मकते तक बखूबी निभाई है आपने। खासकर ये शेर तो दिल को छू गया...
सच्चे की किस्मत में तम ही आया है
अब तो झूठा तमगे पाये प्राणप्रिये |
आपको बहुत बहुत मुबारकबाद!
भूखे - प्यासे हंसों ने दम तोड़ दिया
अब कौआ ही मोती खाये प्राणप्रिये |
sundar panktiyan......vyang se paripurn.......
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