कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब -नैना तरसें और नहीं तरसाओ
जाल –जंजाल- काल सब काटे बन्दी गृह में आओ
मातु देवकी पिता श्री को प्रकटे तुम हरषाओ
भादों मास महीना मेघा तड़ित गरज मतवारे
तरु प्राणी ये प्रकृति झूमती भरे सभी नद नाले
कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब - नैना तरसें और नहीं तरसाओ
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बारह बजने से पहले ही –सब- बंदी गृह में सोये
प्रकट हुए प्रभु नैना छलके माता गदगद होये
एक लाल की खातिर दुनिया आजीवन बस रोये
जगत के स्वामी कोख जो आये सुख वो वरनि न जाये
दैव रूप योगी जोगी सब नटखट रूप दिखाये
बाल रूप माता ने चाहा गोद में आ फिर रोये
सूप में लाल लिए यमुना जल सागर कैसे जाएँ
हहर -हहर कर उफन के यमुना चरण छुएं घट जाएँ
सब के हिय सन्देश गया सब भक्त ख़ुशी से उछले
आरति वंदन भजन कीर्तन थाली सभी बजाये
आज मथुरा में हाँ आज गोकुला में छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये ................
मथुरा से गोकुल पावन में प्रभु प्रकटे खुशहाली
ढोल मजीरा छम्मक -छम्मक घर घर बजती थाली
बाल -ग्वाल गोपिन गृह - गृहिणी -गौएँ -सब हरषाये
मोर-पपीहा-दादुर-मेढक-अपनी धुन में-लख चौरासी गाये
बाल -खिलावन को मन उमड़े सब यशोदा गृह आये
नैन मिला रस -प्रीति पिलाये श्याम सखा दिल छाये
अब लीला प्रभु क्या मै वरनूं 'क्षुद्र' भगत हम तेरे
ठुमुक ठुमुक चल पैजनी पहने कजरा माथे लाओ
तुम सोलह सब कला दिखाओ कंस मार सब तारो
माखन खाओ नाग को नाथो गौअन आइ चराओ
प्रेम -ग्रन्थ राधा -कृष्णा के पढ़ा -पढ़ा दिल में बस जाओ
हरे कृष्णा-कृष्णा कृष्णा -कृष्णा कृष्णा हरे हरे !
नैन बंद कर हो चैतन्या जग तुममे खो जाये ......
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर' ५
कुल्लू यच पी
७-७.५५ पूर्वाह्न
१०-.०८.२०१२
Comment
मथुरा से गोकुल पावन में प्रभु प्रकटे खुशहाली
ढोल मजीरा छम्मक -छम्मक घर घर बजती थाली
बाल -ग्वाल गोपिन गृह - गृहिणी -गौएँ -सब हरषाये
मोर-पपीहा-दादुर-मेढक-अपनी धुन में-लख चौरासी गाये
वाह! बहुत ही मनोहारी वर्णन करती रचना पर बधाई स्वीकारे.
सुन्दर और सामयिक प्रस्तुति........
बधाई सुरेन्द्र कुमार जी
सुन्दर स्तुति ....................बधाई हो आदरणीय आपको
आदरणीया रेखा जी जय श्री कृष्णा - रचना प्रभु के जन्म की आप के मन को छू सकी ख़ुशी हुयी
प्रिय अजीतेंदु जी जय श्री कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये आप सपरिवार और सारी प्यारी मित्र मण्डली को भी
तुम सोलह सब कला दिखाओ कंस मार सब तारो
माखन खाओ नाग को नाथो गौअन आइ चराओ
प्रेम -ग्रन्थ राधा -कृष्णा के पढ़ा -पढ़ा दिल में बस जाओ
हरे कृष्णा-कृष्णा कृष्णा -कृष्णा कृष्णा हरे हरे
अति सुंदर भाव श्री कृष्ण के प्रति ,कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र जी
जय राधेकृष्ण...........
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