जब भी आती है याद तुम्हारी,
पलट लेता हूँ डायरी के पन्ने को,
और पढ़ लेता हूँ
उन तारीखों का वर्तमान
और सोचता हूँ
काश!
जिन्दगी भी पलट जाती,
यूं ही उन तारीखों तक............../
Comment
भावनात्मक शब्दों को प्रस्तुत करने हेतु आभार |
बहुत सुन्दर ! .. इस भावाभिव्यक्ति के लिये बधाई.
बने रहें, पुष्यमित्रजी.
naval ji, rajesh ji, albela ji.
aap sabhi le comments paakar abhibhut hoon...
yu hi aashish bnaaye rakhiye.... :)
वाह पुष्यमित्र उपाध्याय जी वाह
उन तारीखों का वर्तमान
क्या कहने,,,,,,,,,
सुन्दर कविता के लिए अभिनन्दन !
बहुत सुंदर
congratulation ji
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