For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

व्यथा जमाई की (हास्य) : मनहरण घनाक्षरी

ससुर जी ये कब का, तूने बैर है निकाला,
काहे अपनी बेटी को, सर पे मेरे डाला |

लड़की है वो या फिर, बकबक की टोकरी,
साल भर हुआ नहीं, सरका है दिवाला |

पाक कला ज्ञात नहीं, देर जगे बात नहीं,
फिल्म देखे रात नहीं, अटका है निवाला |

मान गया रूप बड़ा, गुण भी कोई चीज है,
बोले बिना जान सके, क्या कहे घरवाला ||

Views: 913

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 24, 2012 at 7:11am
आदरणीय रक्ताले सर, उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
Comment by Ashok Kumar Raktale on August 23, 2012 at 11:41pm

लड़की है वो या फिर, बकबक की टोकरी,
साल भर हुआ नहीं, सरका है दिवाला |

बहुत बढ़िया गौरव जी.

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 22, 2012 at 6:44pm

आपका हार्दिक आभार आदरणीय मित्रवर राजेश कुमार झा जी......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 22, 2012 at 6:42pm

आदरणीया रेखा जी........रचना को पसंद करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 22, 2012 at 6:40pm

आदरणीय मित्र संदीप जी........आपकी प्रेमपूर्ण प्रतिक्रिया तो सदैव उत्साहवर्धक होती है.......हार्दिक आभार........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 22, 2012 at 6:38pm

आदरणीय सतीश मापतपुरी सर, आपने जिस मुक्तकंठ से उत्साहवर्धन किया उसके लिए आपका आभारी हूँ........स्नेह बनाये रखियेगा......

Comment by राजेश 'मृदु' on August 22, 2012 at 1:34pm

मजेदार रचना और तिसपर मनहरण घनाक्षरी, मन हर ले गई आपकी रचना

Comment by Rekha Joshi on August 22, 2012 at 1:03pm

पाक कला ज्ञात नहीं, देर जगे बात नहीं,
फिल्म देखे रात नहीं, अटका है निवाला |,बहुत खूब गौरव जी ,बधाई 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 22, 2012 at 12:48pm

बहुत सुन्दर हास्य रस में भिगोती हुई छंद रचना के लिए बधाई आदरणीय

Comment by satish mapatpuri on August 22, 2012 at 3:00am

सच कहें तो गौरव जी आपने सबकी कह डाला है .... लख -लख मुबारकां जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service