ये तो नही है
सपनों का भारत
देश ये मेरा
जला असम
कश्मीर में आग
सुलगे देश
आतंकवाद
का भारत देश में
है बोलबाला
भटक रहा
दर दर ईमान
फलता पाप
हुए पराये
हम भारत वासी
देश अपना
कोलगेट पे
मच रहा बवाल
है मुहं काला
ये तो नही है
सपनों का भारत
देश ये मेरा
Comment
आपका बहुत बहुत आभार रस्तोगी जी ,धन्यवाद
प्रोत्साह्नके लिए आपका आभार सीमा जी ,धन्यवाद
बहुत सुन्दर हाइकू रेखाजी शिल्प के विषय में आपको सलाह दी ही जा चुकी है ...पर भाव मन को छूने वाले हैं
जला असम
कश्मीर में आग
सुलगे देश..........यह हाइकू शिल्प और भाव दोनों ही दृष्टि से परिपक्व है
प्रोत्साहित करने पर आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय बागी जी ,मे आ राजेश जी और आ अशोक जी की बात को ध्यान में रखूं गी
धन्यवाद आ राजेश जी ,मेने आ अशोक जी की बात समझ ली है मै ध्यान रखूं गी आभार
मेरे प्रयास को सराहने पर आपका धन्यवाद अशोक जी , आपके सुझाव को ध्यान में रखूं गी ,आभार
यहाँ प्रस्तुत सभी हाइकु अच्छे व सुन्दर हैं ..........
यहाँ प्रस्तुत
सभी हाइकु अच्छे
व सुन्दर हैं
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आतंकवाद
का भारत देश में
है बोलबाला
आतंकवाद का भारत देश में है बोलबाला
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आदरणीया रेखा जी, किसी कथन / वाक्य को ५,७,५ वर्णों में ब्रेक कर देना ही हाइकु नहीं है, मुख्य शर्त यह है कि तीनों पक्तियां स्वतंत्र होनी चाहिए जैसा कि रक्ताले साहब और आदरणीया राजेश कुमारी जी ने भी बताया |
कुछ हाइकु आपके शिल्प पर दुरुस्त भी है, प्रयास करें , सब संभव है | बधाई स्वीकार करें इस प्रयास पर |
रेखा जी वाह बहुत सुन्दर हाइकु रचे हैं उत्तम ये अतिउत्तम हो जायेंगे अगर आप अशोक कुमार रक्तेला जी की बात पर गौर फर्माएंगी आपके सभी हाइकु में मात्रा दुरुस्त हैं बस ये देखना है कि तीन पंक्ति किसी वाक्य को तोड़ कर तो नहीं बनाई अर्थात हर पंक्ति का स्वतंत्र अर्थ होना चाहिए एक वाक्य को तोड़ कर नहीं इस अनुपम प्रयास के लिए हार्दिक बधाई
आदरेया रेखा जी
सादर, बहुत सुन्दर प्रयास. कुछ हाइकु में सुधार की जरूरत है क्योंकि मेरी जानकारी के मुताबिक़ प्रत्येक पंक्ति एक वाक्य होना चाहिए. प्रथम प्रयास में ही सुन्दर हाइकु लिखने पर बधाई स्वीकारें.
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अम्बरीश जी ,धन्यवाद
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