For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक राष्ट्र एक टोली, एक भाव एक बोली,
हिंदी से ही हो सकेगी, आप जान जाइए |

भाषा ये सनातनी है, शीलवाली, पावनी है,
शोला है सुहावनी है, विश्व को बताइए |

पूर्वजों ने भी कहा है, हिंदी ने बड़ा सहा है,
हिंदी को बढ़ावा दे के, विद्वता दिखाइए |

भारती की कामना है, शत्रु को जो थामना है,
भाई मेरे बंधु मेरे, हिंदी को बचाइए ||

Views: 603

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 13, 2012 at 4:14pm
आदरणीय योगी जी, अपनी हिन्दी के लिये ये मेरी भावनाएँ हैं। हिन्दी बिना हिन्द की कल्पना अधूरी है। सराहना के लिये आपका आभारी हूँ।
Comment by Yogi Saraswat on September 13, 2012 at 11:10am

पूर्वजों ने भी कहा है, हिंदी ने बड़ा सहा है,
हिंदी को बढ़ावा दे के, विद्वता दिखाइए |

भारती की कामना है, शत्रु को जो थामना है,
भाई मेरे बंधु मेरे, हिंदी को बचाइए ||

सुन्दर शब्दों में यथार्थ को दिखाती रचना कुमार साब !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 13, 2012 at 10:27am

आदरणीय मित्र संदीप पटेल जी......सराहना के लिए आपका आभार........आपने जो पंक्तियाँ दी हैं बिलकुल वो भी सही बैठतीं हैं.....धन्यवाद.....

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 13, 2012 at 10:12am

आदरणीय अजीतेंदु जी सादर
आपकी घनाक्षरी कथ्य और शिल्प की दृष्टि से बहुत उत्तम है
किन्तु अंत में जैसा की आदरणीय सौरभ सर ने कहा
कमजोर हो रही है
उस पर ध्यान देना परम आवश्यक है

काम धाम में भी आप हिंदी अपनाइए
 यदि ऐसा कहा जाये तो कैसा रहे

सादर

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 13, 2012 at 7:01am

आदरणीया सीमा जी........प्रोत्साहन के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद......आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है.........आभार....

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 13, 2012 at 6:56am

आदरणीय अग्रज अम्बरीश जी.........खुले दिल से की गई सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद......आपका स्नेह और आपकी सीख तो सदैव मार्गदर्शन करती है...आभार..........

Comment by seema agrawal on September 12, 2012 at 11:58pm

कथ्य और शिल्प दोनों दृष्टियों से सुगढ़ घनाक्षरी के लिए बधाई कुमार गौरव जी 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 12, 2012 at 10:56pm

प्रिय कुमार गौरव जी ,  बेहतर शिल्प से सुसज्जित सुन्दर घनाक्षरी के लिए हार्दिक बधाई मित्र !

जैसा कि आदरणीय सौरभ जी ने कहा है कथ्य में बारीकी से थोड़ा सा सुधार करके इसे सोने से कुंदन बनाया जा सकता है ! सस्नेह

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 12, 2012 at 10:17pm

आदरणीय अलबेला भैया.......आपका प्यार सर-आँखों पर.......धन्यवाद......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 12, 2012 at 10:16pm

आदरणीया राजेश जी.....सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.......आपलोगों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.....इसी का नाम तो ओ बी ओ है.........एक बार पुनः आभार....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
15 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service