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आड़े वक्त मिलता है, नारी का ही साथ 
आड़े वक्त पकडती है, नारी तेरा हाथ |
 
नारी के ही प्रेम से, होते सब दुख दूर,
नारी घर परिवार की, मदद करे भरपूर |
 
नारी से खिलता है, घर बगिया का फूल,
नारी को अपमान का, दो न कभी भी शूल|
 
नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
 
स्त्री घर की लक्ष्मी है,उससे महकता घर,
स्त्री लावे किलकारी, करे जो रोशन घर |
 
देख महिमा नारी की, अपने सम तो मान,
दो पहिये की गाड़ी है, इसका सबको भान |
 
माँ बनकर नारी बने, गुरु प्रथम शिशु की,
उपेक्षित न रहे नारी, जय नारी शक्ति की | 

 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 
 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 26, 2012 at 11:45am

रचना पसंद करने के लिए आभार आपका श्री सज्जन कुमार जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 4:08pm

रचना 'नारी की महिमा' पसंद करने के लिए धन्यवाद आदरणीया वसुधा निगम जीऔर श्री भावेश राजपाल जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 11:20am

 रचना पसंद आई इसके लिए हार्दिक धन्यवाद मित्र श्री योगी सारस्वत जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 11:09am

रचना जब पसंद करता, होंसला बढ़ता है हार्दिक आभार श्री संदीप कुमार पटेल जी

Comment by Yogi Saraswat on September 25, 2012 at 10:57am
नारी से खिलता है, घर बगिया का फूल,
नारी को अपमान का, दो न कभी भी शूल|
 
नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
sahi kaha aapne ! sundar rachna
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:43am

रचना पसंद कर उत्साह बढ़ने हेतु हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:41am

रचना पसंद करने और सुझावे देने हेतु हार्दिक आभार भाई श्री नीरज जी और कुमार गौरव अजितेंदु जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:39am

नारी के सम्मान में लिखी गयी रचना को प्रणाम कर मेरा उत्साह बढ़ने हेतु आभार भाई श्री राज नवादवी जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:35am

नारी के प्रति मेरे भावो को सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार आपका डॉ.प्राची सिंह जी 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 25, 2012 at 9:25am

बहुत सुन्दर कहा सर जी

नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
बहुत बहुत बधाई आपको

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