For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नारी की महिमा

 
आड़े वक्त मिलता है, नारी का ही साथ 
आड़े वक्त पकडती है, नारी तेरा हाथ |
 
नारी के ही प्रेम से, होते सब दुख दूर,
नारी घर परिवार की, मदद करे भरपूर |
 
नारी से खिलता है, घर बगिया का फूल,
नारी को अपमान का, दो न कभी भी शूल|
 
नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
 
स्त्री घर की लक्ष्मी है,उससे महकता घर,
स्त्री लावे किलकारी, करे जो रोशन घर |
 
देख महिमा नारी की, अपने सम तो मान,
दो पहिये की गाड़ी है, इसका सबको भान |
 
माँ बनकर नारी बने, गुरु प्रथम शिशु की,
उपेक्षित न रहे नारी, जय नारी शक्ति की | 

 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 
 

Views: 1340

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 26, 2012 at 11:45am

रचना पसंद करने के लिए आभार आपका श्री सज्जन कुमार जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 4:08pm

रचना 'नारी की महिमा' पसंद करने के लिए धन्यवाद आदरणीया वसुधा निगम जीऔर श्री भावेश राजपाल जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 11:20am

 रचना पसंद आई इसके लिए हार्दिक धन्यवाद मित्र श्री योगी सारस्वत जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 11:09am

रचना जब पसंद करता, होंसला बढ़ता है हार्दिक आभार श्री संदीप कुमार पटेल जी

Comment by Yogi Saraswat on September 25, 2012 at 10:57am
नारी से खिलता है, घर बगिया का फूल,
नारी को अपमान का, दो न कभी भी शूल|
 
नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
sahi kaha aapne ! sundar rachna
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:43am

रचना पसंद कर उत्साह बढ़ने हेतु हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:41am

रचना पसंद करने और सुझावे देने हेतु हार्दिक आभार भाई श्री नीरज जी और कुमार गौरव अजितेंदु जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:39am

नारी के सम्मान में लिखी गयी रचना को प्रणाम कर मेरा उत्साह बढ़ने हेतु आभार भाई श्री राज नवादवी जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2012 at 10:35am

नारी के प्रति मेरे भावो को सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार आपका डॉ.प्राची सिंह जी 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 25, 2012 at 9:25am

बहुत सुन्दर कहा सर जी

नारी का हो ह्रदय से,पूजित सा सम्मान,
नारी  चाहे ह्रदय से, केवल अपना मान |
बहुत बहुत बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service