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ये हादसे 
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बतलाते 
मुनीम और गुमास्ते |
ये हादसे 
चर्चा के वास्ते 
ख़बरों की 
सुर्ख़ियों के रास्ते 
गुड गोबर कर देते 
घोटालों की 
गंभीरता को 
वाद विवाद में 
उलझाने वास्ते |
शेयर घोटाला हो 
या चारा घोटाला,
सिर्फ रह जाते 
अतीत के पन्नो में 
घोटालों के 
इतिहास के वास्ते |
ये सब सच मानो  
तो नहीं है 
चर्चा के लिए-
हमारे वास्ते,
ये हादसे |
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 12, 2012 at 9:43am

रचना पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद श्री मकरंद दवे जी 

Comment by MARKAND DAVE. on October 12, 2012 at 9:16am
शेयर घोटाला हो 
या चारा घोटाला,
सिर्फ रह जाते 
अतीत के पन्नो में 
घोटालों के 
इतिहास के वास्ते|
 
Very Nice Said, Shri Laxmanji, 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 5, 2012 at 10:25am

होंसला अफजाई का आपका सहयोगात्मक सोच लाजवाब है आदरणीय सीमा अग्रवाल जी

वाकई चौथे स्तम्भ की कार्य शैले जनता पर direct impect  करती है, इस स्तम्भ को अति 
संवदनशील होना चाहिए  

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 5, 2012 at 10:20am

रचना पसंद आई हार्दिक धन्यवाद श्री अजय शर्मा जी आपको 

Comment by seema agrawal on October 4, 2012 at 9:20pm

आपकी विचार शैली बहुत समृद्ध है और जब-जब आप उसको किसी विचारोचित  काव्य विधा के साथ ले कर आते हैं बरबस ही वाह निकल पड़ती ही 
गुड गोबर कर देते 

घोटालों की 
गंभीरता को 
वाद विवाद में ...सच कहा आपने ......लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की कार्य शैली पर प्रश्न उठाती सम्यक रचना 
Comment by ajay sharma on October 4, 2012 at 6:09pm

wah wah ये हादसे 

चर्चा के वास्ते 
ख़बरों की 
सुर्ख़ियों के रास्ते bahut khoob sri maan

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