जो हमें बरसों से हरदम चीट ही करते रहे
मसअले दर मसअले वो ट्वीट ही करते रहे
खर्च करने के लिए इमदाद में आई रकम
पंचतारा होटलों में मीट ही करते रहे
जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह
हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे
नाम उनका हर दफे ही लिस्ट से गायब रहा
साल के दर साल वो कम्प्टीट ही करते रहे
हमने आपस में जिसे था कब का ही सुलझा लिया
वो उसी मुद्दे को हरदम हीट ही करते रहे
Comment
वाह आदरणीय राणा प्रताप जी हिंदी, उर्दू ,इंग्लिश तीनो भाषाओं का संगम देखने को मिल रहा है ग़ज़ल में रोचक प्रयोग दाद कबूल कीजिये इस पीस के लिए |
खुबसूरत प्रस्तुति के लिए -
आभार आदरणीय |
राणा भाई नमस्कार ...यार बेहद खूबसूरत ढंग से आपने अंगेजी काफ़ियों का इस्तेमाल किया है....हर एक शेर लाजवाब । नाव प्रयोग के लिए आपको बहुत बहुत मुबारकबाद ! दिली दाद कुबूल करें !
बहुत दमदार गज़ल, इस शेर के लिए विशेष दाद कबूलें आदरणीय राणा जी,
जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह
हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे
बहुत खूब राणा भाई इस ग़ज़ल को आपसे साक्षात सुनने का सुनहरा मौका गंवाने का सख्त अफ़सोस है
अगली बार जरूर सुनेगे
शानदार ग़ज़ल और विशेष तौर पर कवाफी के सुन्दर निर्वहन के लिए विशेष बधाई स्वीकार करें
वाह शायरी में बेहेतारिन अंदाज में अंग्रेजी का प्रयोग किया है हर शेर मजेदार है
जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह
हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे.....एक दम सटीक है
हम जिन्हें खुदा की तरह मानते है वो हमें कीड़े मकोड़े की तरह ....समझते है
मजा आगया आदरणीय
बधाई ही बधाई
आज के हालात को बयां करती बेहतरीन ग़ज़ल
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