For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नए साल की नई सुबह

पुराने साल को अलविदा, नए साल का स्वागतम
पुराने अनुभवों से नया गीत गायेंगे हम
नई उमंगें, नई तरंगे लेकर आया नया साल
नए वादों, नए इरादों से नई कहानी लिखेंगे हम

बुराइयों को मिटाकर
अच्छाइयों को अपनाकर
काँटों पर राह बनाकर
नई मंजिलें पाएंगे हम

बेटियां दामिनी बन तड़प-तड़प नहीं मरेगी अब
कल्पना ,सुनीता बन चाँद को घर बनाएँगी अब
आतंकवादी ,बलात्कारी को फांसी पर चढ़ायेंगे अब
भ्रष्टाचार मिटाकर विकसित भारत बनायेंगे हम

सर्व धर्म समभाव बनाकर
जाति धर्म का भेद मिटाकर
रामराज का गीत गाकर
विजयी भारत बनायेंगे हम

नए
साल की नई सुबह में खाते है यही कसम
नित नए पेड़ लगाकर धरा हरा रखेंगे हम
भूख ,गरीबी ,बेकारी मूल से मिटायेंगे हम
अमर शहीदों के वलिदानों को व्यर्थ नहीं गवाएंगे हम
खाते है यही कसम

Views: 671

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Ajay Khare on December 31, 2012 at 4:18pm

sharma madam naye saal ki esse badia kamna nahi ho sakti badhai

Comment by shubhra sharma on December 30, 2012 at 6:25pm

अनंत जी आपको   धन्यवाद

Comment by shubhra sharma on December 30, 2012 at 6:24pm

अशोक जी आपको बहुत बहुत  धन्यवाद

Comment by shubhra sharma on December 30, 2012 at 6:23pm

बागी जी आपकी प्रेरणादायी अभिव्यक्ति हेतु धन्यवाद 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 30, 2012 at 11:40am

आदरणीया बेहद प्रेरणादाई प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई, प्रभु ऐसा ही करें नव वर्ष सभी का मंगलमय हो.

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 30, 2012 at 11:10am

हर कसम है बार बार, सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकारें आदरेया.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 30, 2012 at 10:33am

आदरणीया शुभ्रा जी, सर्वप्रथम तो ओ बी ओ ब्लॉग में आपकी कविता का बहुत बहुत स्वागत है, भूत काल के अनुभवों से सीख लेकर यदि वर्तमान को सवार सकें तो इससे बड़ी बात क्या होगी, नव वर्ष मे नव संकल्प लेने की प्रेरणा देती अच्छी कविता है | इस अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकार करें |

Comment by shubhra sharma on December 30, 2012 at 8:51am

हार्दिक धन्यवाद niraj ji

Comment by aashukavi neeraj awasthi on December 29, 2012 at 11:40pm

सुन्दरतम भाव भरी रचना रचने के लिए बढ़ायी स्वीकार करे आदरणीय शुभ्रा जी

Comment by shubhra sharma on December 29, 2012 at 9:30pm

श्याम नारायण वर्मा जी को धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service