पुराना जब भी जाता है नया इक साल आता है,
नया जब साल आता है उम्मीदे साथ लाता है/
कोई इक बार आकर के व्यथा उनसे भी तो पूछो,
जिन्हें आते हुए नव साल का इक पल न भाता है/
कभी तुम झाँक लो देखो जरा उस मन की तो बूझो,
बुझी उम्मीद है जिसकी अँधेरा अब सताता है/
शमाएँ तुम जलालो चढ के जा जाकर मीनारो पे,
नही कर पाओगे रोशन यही अब दिल में आता है/
सबक इस हादसे हालात से पाकर के तुम समझो,
खुशी कैसी लगे जब कोई इक मातम मनाता है/
Comment
raktale ji naye saal par aapne jo prashanchinh lagaye he manthan karne yogya he badhai
सबक इस हादसे हालात से पाकर के तुम समझो,
खुशी कैसी लगे जब कोई इक मातम मनाता है/
सही कहा आपने,खुशियों मे ग्रहण लग गया है ।
हेर दिल उदास है हर कोई फिक्र मंद है
BAHOT KHOOB......................
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