हाईकू (१७ वर्ण, ५,७,५.)
भारतवर्ष
नारी देवी रुप है,
देवों में आस्था.
...........
तुम युवा हो,
माताएं व्यथित हैं,
सोना मना है,
..............
यौन शोषण,
सब संकल्प करें,
अब फांसी दो.
...........
पुलिस हा हा..
नारी असुरक्षित,
सब सुधरें.
..........
सभ्य समाज,
यह भी संभव है,
प्रण कर लें.
...............
बीता बरस,
युवा जाग गया है,
उम्मीद जागी.
..............
नव वर्ष है,
अब के पूरा होगा,
संकल्प लिया.
................
सेदोका ( ५,७,७,५,७,७, कुल ३८ वर्ण )
बिटिया गई
जनता जाग गयी,
अब ना उदासी हो,
समाज जन,
सब संकल्पित हैं,
दोषियों को फांसी हो.
Comment
आदरणीय सौरभ जी व आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर प्रणाम, हाइकु पसंद करने के लिए हार्दिक आभार. क्षमा करें कुछ व्यस्तता के लिए ब्लॉग पर आने का समय नही मिल पा रहा है. सादर.
सुन्दर हाइकू बधाई श्री अशोक रक्ताले जी
आदरणीय अशोकजी, हाइकू पर सुन्दर और सुगढ़ प्रयास हुआ है.
बीता बरस,
युवा जाग गया है,
उम्मीद जागी.
बहुत सुन्दर... बार-बार बधाई.. .
सेदोका की सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ..
आदरणीय बागीजी सादर प्रणाम,क्षमा करें यह त्रुटी रह गयी थी आपने ध्यान आकर्षित कराया है मै इसे अभी सुधार लेता हूँ.सादर आभार.
आदरणीय रक्ताले साहब, जापानी विधा हाईकु और सेदोका के साथ आप ने भरपूर न्याय किया है, कथ्य और शिल्प दोनों स्तर पर रचनायें खुबसूरत बन पड़ी हैं | बधाई स्वीकार हो |
एक जगह एक वर्ण अधिक हो गया है , सुधार लें ....
नारी असुरक्षित है, = ८
केवल ..........नारी असुरक्षित ..........कर देने से भी हाईकू पूर्ण हो जायेगा |
आदरणीय भाई पियूष द्विवेदी जी आद. डॉ. अजय खरे जी आद. लड़ीवाला साहब आप सभी से हाइकु और सेदोका पर सराहना पाकर हर्ष हुआ. आप सभी का सादर आभार.
बिटिया गई
जनता जाग गयी,
अब ना उदासी हो.
समाज जन,
सब संकल्पित हैं,
दोषियों को फांसी हो.- बहुत सुन्दर हार्दिक बधाई श्री अशोक रक्ताले जी
RAKTALE JI AAPKI BAAT GAGAR ME SAGAR BADHAI
आ. रक्ताले जी, एक से बढ़कर एक हाइकू हैं सब, पर इस एक के लिए विशेष बधाई स्वीकारें !
तुम युवा हो,
माताएं व्यथित हैं,
सोना मना है,...... अति सुन्दर !
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