For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघु कथा - कीमती पत्र,

तुम लड़की जात हो , तुम्हें अपने दायरे में रहना चाहिए, तुम अनवर की तरह नहीं हो वो तो लड़का है , उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा , लेकिन तुम्हारे साथ अगर कुछ उंच नीच हो गया तो हम सबका जीना मुहाल हो जाएगा,,,,ये सीख हमेशा गाँठ बाँध कर रखना.

रोज ही हिदायतों का पुलिंदा शबनम को बाँध कर थमाया जाता था, अब्बू तो दुबई चले गए दो साल पहले , बचे दादी, अम्मी और छोटा भाई अनवर. इस अनवर में छोटे भाई का कोई गुण नहीं है बस कॉलेज से आकर मेरी शिकायतों के पुल बांधना ही इसे आता है और उसी का खामियाजा रोज हिदायतों की टोकरी मुझे थमाई जाती हैं तंग आ गयी हूँ. पढने में भी मन नहीं लगता है . येही सोच सोच कर शबनम की आँखें भर आती थी, कॉलेज में अव्वल आने के बाद भी हिदायतों का इनाम ही मिला था उसे, मगर उसकी सोच की उड़ान जिसमे हौसले के पंख लगे थे वो बेख़ौफ़ उडे जा रहे थे, खुले आकाश में .
और आज कॉलेज का आखिरी दिन, एक बड़ा सा कप , मार्कशीट और चमकते हुए चेहरे के साथ उसका दहलीज से घर के अन्दर आना,,,,मगर अम्मी और दादी का चेहरा लटका देखकर अजीब सा मूड हो गया था उसका ...खैर दास्ताँ थी अब्बू की नौकरी छूट गयी है , अब उन्हें जल्द ही हिन्दुस्तान आना होगा, कुछ गलतियां हो गयी थी उनसे , खजांची के पद पर थे और कहीं पैसा गलत ट्रान्सफर हो गया जिसकी रवानगी नहीं हो पायी और उसी वजह से उन्हें वापस भेज रहे हैं,,,पूरे दिन बड़ी गमगीनी के साए में बीता मगर अनवर सीटियाँ बजता हुआ FM रेडियो पर गाने सुनता रहा..

सुबह की नमाज अता कर जैसे ही शबनम ने दूसरे कमरे का रुख किया पोस्टमैन एक पत्र थमा गया , देखते ही खुशी के आंसुओं ने उस पर लिखे शब्दों को धुंधला कर दिया, कॉलेज के अंतिम वर्ष की परीक्षा देते हुए उसने बैंक की परीक्षाएँ भी दी थी , परिणाम में सफल भी हो गयी थी ,जिसमे से एक बैंक की तरफ से अपॉइंटमेंट लैटर आया था ,और शबनम ने वापस वजू में अपने हाथों को जोड़ा और उस कीमती पत्र को लेकर माँ की तरफ बढ़ गयी....

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SUMAN MISHRA on January 5, 2013 at 11:13pm

कुछ तो अंतर खलता ही है
कोई कहता या ना कहता
येही रीत दुनिया की भैया
पुत्र हुआ तो वंश चलेगा,,,,,बहुत बहुत धन्यबाद ,,,श्री सौरभ जी , श्री अशोक जी...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 5, 2013 at 11:07am

परिवारों में बेटे और बेटियों के बीच जिस भेदभाव की बात यह लघु-कथा करती है और जिन प्रश्नों को सांकेतिक रूप से उठाती है उसके लिए कथाकार बधाई का पात्र है. ये अत्यंत महत्वपूर्ण विन्दुओं में से हैं जो आज समाज में समस्त विसंगतियों के कारण के मूल में हैं. पता भी नहीं चलता और एक पुरुष को प्रारंभ से ही यानि बालक (बेटे) के तौर पर ही यह भान हो जाता है कि वह अपनी सहोदरियों से श्रेष्ठ (?!) है. प्रारंभ से ही उसके मन में घर कर गयी यही श्रेष्ठता सामाजिक और पारिवारिक रूप से उसे इतना असंवेदनशील बना देती है कि प्रतिफल उसका रौद्र रूप कई-कई लहज़ों में बाहर आता है.

एक संवेदनशील और कथात्मकता के लिहाज़ से सतत कथा के लिए धन्यवाद व शुभकामनाएँ.

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 5, 2013 at 8:42am

सुन्दर लघु कथा, एक कदम पीछे नरक था आगे बढे स्वर्ग का द्वार खुला. लगन किसी के तारीफ़ कि मोहताज नहीं होती. बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. अजय जी "
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"मोर या कौवा --------------- बूढ़ा कौवा अपने पोते को समझा रहा था। "देखो बेटा, ये हमारे साथ पहले…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"जी आभार। निरंतर विमर्श गुणवत्ता वृद्धि करते हैं। अपनी एक ग़ज़ल का मतला पेश करता हूँ। पूरी ग़ज़ल भी कभी…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"क़रीना पर आपके शेर से संतुष्ट हूँ. महीना वाला शेर अब बेहतर हुआ है .बहुत बहुत बधाई "
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"हार्दिक स्वागत आपका गोष्ठी और रचना पटल पर उपस्थिति हेतु।  अपनी प्रतिक्रिया और राय से मुझे…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"आप की प्रयोगधर्मिता प्रशंसनीय है आदरणीय उस्मानी जी। लघुकथा के क्षेत्र में निरन्तर आप नवीन प्रयोग कर…"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश जी। बधाई स्वीकार करें।"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"मौसम का क्या मिज़ाज रहेगा पता नहीं  इस डर में जाये साल-महीना किसान ka अपनी राय दीजिएगा और…"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"उपयोगी सलाह के लिए आभार आदरणीय नीलेश जी। महत्वपूर्ण बातें संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद। एक शेर…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आ. गिरिराज जी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई ..मैं निजि रूप में दर्पण जैसे संस्कृतनिष्ठ शब्द को…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आ. अजय जी,अच्छे भावों से सजी हुई ग़ज़ल हुई है लेकिन दो -तीन बातें संज्ञान में लाने का प्रयत्न कर रहा…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service