For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने कौन कहां से आकर

जाने कौन कहां से आकर
मुझको कुछ कर जाता है
मेरी गहरी रात चुराकर
तारों से भर जाता है
जाने कौन.........

देख नहीं मैं पाउं उसको
दबे पांव वह आता है
और न जाने कितने सपने
आंखों में बो जाता है
जाने कौन.......

एक दिन उसको चांद ने देखा
झरी लाज से उसकी रेखा
मारा-मारा फिरता है अब
दूर खड़ा घबराता है
जाने कौन....

चैताली वो रात थी भोली
नीम नजर भर नीम थी डोली
वही तराने सावन-भादो
उमड़-घुमड़ कर गाता है
जाने कौन....

ढूंढ रहा हूं उसी निशां को
पूछ थका हूं सारी फिजां को
तुम्‍ही बता दो साथी मेरे
कौन मुझे भरमाता है
जाने कौन .........


राजेश कुमार झा
(मौलिक रचना)

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 16, 2013 at 8:16pm

आदरणीय राजेश झाजी, एक अच्छी रचना थोड़ी सी कसर के कारण बहुत अच्छी रचना बनते-बनते रह गयी कहूँ तो कृपया अन्यथा न लेंगे. इस गीत का भाव और कथ्य इतना सुन्दर है कि मन विभोर हो जाता है. उसी अनुरूप इसे बाँधना था.

आपकी अबतक प्रस्तुत हुई रचनाओं ने मेरी एक पाठक के तौर पर आपसे अपेक्षाएँ बढ़ा दी हैं तो मुख्य कारण आप द्वारा हुआ अबतक का उन्नत प्रयास ही है.  सादर..

Comment by राजेश 'मृदु' on January 15, 2013 at 5:37pm

आप सबका सादर आभार


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 13, 2013 at 11:12am

आदरणीय राजेश झा जी,  रचना अच्छी लगी, बधाई स्वीकारें ।

Comment by Anwesha Anjushree on January 11, 2013 at 7:04pm

kahi dur ja din dhal jaay......yeh geet yaad aa gaya....Man ko bhaya aapki kavita...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 11, 2013 at 12:39pm

ह्रदय में प्रीत की दस्तक को १६-१४, १६-१४ मात्राओं की पंक्तियों में खूबसूरती से बाँधा है.कहीं कहीं टंकण त्रुटियाँ हैं, उन्हें दूर कर लें.

हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति पर आ. राजेश झा जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 10, 2013 at 3:47pm

aadarniy rajesh jii

saadar 

sundar rachna badhai 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service