For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आते हुये लोग ,
जाते हुये लोग !
जीवन का सुख दुःख ,
आनंद और भोग !!

असली आनंद विदेशों में ,
विदेश यात्रा का सुख ,
खुश और कृत कृत हो जाऊ ,
भूलूं जीवन भर का दुःख !!

वहां का आनंदमय जीवन,
स्वर्ग यात्रा जैसा है ,
हम भी तो देखें महोदय बोले ,
हमारे पास भी पैसा है !

तकनिकी भी मददगार है ,
काफी हद तक मदद करती है ,
फिल्म,विज्ञापन,पत्रिका पोस्टर ,
इन कमियों को पूरा करती है !

वैसे हमारे देश में ,
जो वास्तु लोगों को भाती है ,
यदि मृत भी हो चुकी हो तो ,
कब्र से निकल आती है !!

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 394

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 5, 2013 at 7:35pm

हम्म्म् कोशिश अच्छी है अग्रजों और गुरुजनों के सुझावों पे अमल करें शुभकामनाएं

Comment by ram shiromani pathak on February 5, 2013 at 7:10pm

लेखक की अंतिम इच्छा विदेश यात्रा का सुख भोगने की nahi hai sir.

bhrast afasr ki antim ichchha ha sir g......

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 5, 2013 at 11:40am

लेखक की अंतिम इच्छा विदेश यात्रा का सुख भोगने की है क्या ? लोग तो सुख शांति की खोज में भारत आते है । 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2013 at 8:47pm

//मेरी गलतियों पर आप लोग कमेन्ट नहीं करेंगे तो मुझे कैसे मालून पड़ेगा की मै किस दिशा में जा रहा हूँ !//

आपको अन्य टिप्पणियों में जो कहा गया है, उसी पर अमल करें, भाईजी. यदि आप मात्र वाह-वाह करती टिप्पणियाँ ही पढ़ते हैं तो फिर क्या कहा जा सकता है ?

Comment by ram shiromani pathak on February 4, 2013 at 8:42pm

 मेरी गलतियों पर आप लोग कमेन्ट नहीं करेंगे तो मुझे कैसे मालून पड़ेगा की मै किस दिशा में जा रहा हूँ !आप श्रेष्ठ है !मै नया नया हूँ , सर अतः मेरी किसी भी गलती को क्षमा करते हुए मेरा मार्गदर्शन करने की कृपा करे ...............सादर  

Comment by ram shiromani pathak on February 4, 2013 at 8:31pm

गणेश सर  मै आपके अमूल्य सुझाव से सहमत हूँ ! भविष्य में ऐसी कोई गलती ना करने का प्रण करता हूँ !आभार !!!!!!!!!!!!!!!!!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 4, 2013 at 7:57pm

राम शिरोमणि जी, फ़ास्ट प्रोडक्शन तो ठीक है पर क्वालिटी कण्ट्रोल भी आवश्यक है नहीं तो प्रोडक्ट केवल इन्वेंट्री लोड ही बढ़ाता है | एक सुझाव है, मन हो तो माने नहीं तो इग्नोर करें ....साथियों की रचनाओं को भी पढ़ें और अपनी रचना को पोस्ट करने में जल्दबाजी न करें |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service