सुना था ........
सुना था..दिल से करो याद जिसे,उसको हिचकियाँ आती है
यही सोच रोज हाल पूछने ,उसके घर चला जाता हूँ मै.....
सुना था..टूटे दिल से लिखी ग़ज़लों में बहुत जान होती है
शायर ही बनू,इसी ख्याल से सबसे इश्क लडाता हूँ मै....
सुना था..चने खाने से शरीर में घोड़े जैसी ताकत आती है
ताकत का तो पता नहीं,थक कर खड़े खड़े सो जाता हूँ मै ...
सुना था..गम बाँट देने से दिलोदिमाग स्वस्थ रहते है
कमजोर दिल इंसां हूँ, मारे खौफ के सब बाँट देता हूँ मै ...
सुना था..खुशियाँ मिल बाँट कर मनाओ तो दुगनी मिलती है
लालची दिल है मेरा,जरा भी मिलती है तो लुटा देता हूँ मै ...
सुना था..बादाम खाने से याद दाश्त तेज होती है
खाता तो रोज हूँ,मगर उधार वापस करना भूल जाता हूँ मै..
सुना था..अपना मरे तो स्वर्गवासी,पराये को कोई मर गया कहते हैं लोग
इसी स्वर्ग के लालच में,सबको अपना समझता हूँ मै ....
सुना था.. लौटती बारात की भी इक समय इज्ज़त कम हो जाती है
बहुत अहंकारी हूँ मै, किसी की भी बारात में नहीं जाता हूँ मै.....
सुना था...खुदा जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है
टूटने में समय ना लगे, बिना छतों के मकान में रहता हूँ मै ...
जब से सुना है..की सुनी सुनाई सब बाते सच नहीं होती
यकीन आया,उतना समझदार नहीं ,जितना खुद को समझता हूँ मै ...पवन अम्बा
Comment
bahut bahut dhanywaad ..Vindeshwari Prasad Tripathi ji...Rajesh kumar Jha sahab...Harvindar Labana ji...Payal Pasha ji
बहुत सुंदर रचना हरेक सुने को यूं बुनना इतना आसान नहीं, सादर
आप आडमिन और विशाल चर्चित भाई को दिल से धन्यवाद ..जो मुझे आपने अपने इस ग्रुप मे जगह दी.
मेने लिखना छोड़ दिया था.लेकिन अब कोशिश कर रहा हूँ दुबारा लिखने की ..और उस कोशिश का ये पहला प्रयास है. और संदीप कुमार पटेलजी,वन्दना तिवारी जी,दा प्राची सिंह जी,किशन कुमार जी,विंधेयशवरी प्रसाद त्रिपाठी जी..लक्ष्मण प्रसाद जी,,,आप सब का दिल के हर कोने से धन्यवाद...आप सब के कोमेंट्स से दिल मे फिर से नयी शुरुआत करने की हिम्मत मिली है ...बहुत बहुत धन्यवाद इस ग्रुप को और इस ग्रुप के सभी सदस्यों को......
वाह वाह वाह बहुत ही सुन्दर सुना और गुना बधाई हो आदरणीय
जब से सुना है..की सुनी सुनाई सब बाते सच नहीं होती
यकीन आया,उतना समझदार नहीं ,जितना खुद को समझता हूँ मै..
वाह अंत में बाजी ही पलट दी पूरी रचना की....... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति , हार्दिक बधाई
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