For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिन्दी कविता का अन्तर्जाल युग और ओबीओ लाइव महाइवेंट - १

हिन्दी कविता एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। इस युग में हिन्दी कविता वैश्विक मंच पर अन्तर्जाल के माध्यम से अपनी पहचान बना रही है । इसलिए इस युग को “अन्तर्जाल युग” ही कहा जाय तो ठीक रहेगा। आज के समय में अन्तर्जाल का प्रयोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इसमें हिन्दीभाषी लोगों की संख्या भी कम नहीं है। धीरे धीरे ही सही अन्तर्जाल के माध्यम से हिन्दी कविता विश्व के कोने कोने तक पहुँच रही है। आज अधिकांश हिन्दी कविताएँ अन्तर्जाल पर उपलब्ध हैं। अब उभरते हुए कवियों को प्रकाशित होने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। बस अपना एक ब्लॉग बनाया और स्वप्रकाशन शुरू। अन्तर्जाल पर विभिन्न जालस्थलों के माध्यम से स्थापित एवं उदीयमान कवियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं अन्तर्जालीय कवि सम्मेलन तथा मुशायरों में आमंत्रित किया जाता है। इन आयोजनों में प्रतिभागी अपनी रचनाएँ जालस्थलों पर चिपकाते हैं एवं एक दूसरे रचनाकारों की रचनाओं पर टिप्पणियाँ करके उनका उत्साहवर्धन भी करते हैं। जो कविता के जानकार हैं वो उदीयमान कवियों की त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाते हैं और सुधार के तरीके भी बताते हैं। इस तरह अन्तर्जाल के माध्यम से हिन्दी कविता दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रही है।

एक ऐसा ही आयोजन ओबीओ लाइव महाइवेंट – १ के नाम से दिनांक ०१-११-२०१० से १०-११-२०१० तक ओपेन बुक्स आनलाइन नामक जालस्थल पर किया गया । इस आयोजन में दीपावली को लक्ष्य करके रचनाएँ लिखनी थीं। यह संभवतः अन्तर्जाल पर अब तक किये गये किसी भी आयोजन में सबसे बड़ा था। इसका अन्दाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इसमें १२०० से ज्यादा टिप्पणियाँ आईं जिसमें –४० से अधिक कवियों की २०० से अधिक रचनाएँ शामिल हैं। इस आयोजन में रचनाकारों ने विभिन्न प्रकार के छन्दों का प्रयोग किया जिनमें गीत, ग़ज़ल, नवगीत, दोहा, कुण्डलिया, हाइकु इत्यादि हैं। छन्द मुक्त कविताओं की भी कोई कमी नहीं थी। कई सारे ऐसे छन्द भी प्रयोग किए गये जो अब लुप्तप्राय हो चले हैं अर्थात इन छन्दों में अब शायद ही कोई रचनाकार लिखता है। इस आयोजन के सूत्रधार थे माननीय नवीन सी चतुर्वेदी जी, जो स्वयं एक कवि हैं और अन्तर्जाल पर एक जाना माना नाम हैं। यह आयोजन अन्तर्जाल पर हिन्दी कविता के विकास में एक मील का पत्थर है। हिन्दी कविता के “अन्तर्जाल युग” के इतिहास में इस आयोजन का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा ऐसा मेरा विश्वास है।
इस आयोजन को आप निम्नांकित कड़ी के माध्यम से पढ़ सकते हैं।
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-1

धर्मेन्द्र कुमार सिंह

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on November 15, 2010 at 1:54pm
धर्मेन्द्र जी आपने वास्तविकता का रेखांकन किया है | पूर्व में मंच की कमी महसूस होती थी ओ.बी. ओ. ने वह पूरी कर दी | यहाँ लिख-पढ़कर संतोष मिलता है | नवीन जी ,योगराज जी ,बागी जी ,सलिल जी जैसे कुछ लोग ओ.बी.ओ. की रीढ़ हैं |शुभकामनाएं |

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 14, 2010 at 8:10am
धर्मेन्द्र भैया सादर प्रणाम
सर्वप्रथम तो महाइवेंट की जोरदार सफलता के लिया सभी को बधाई और नवीन भैया को स्पेशल बधाई| बस इतना ही कहूँगा
अभी तो ये अंगड़ाई है.......
Comment by आशीष यादव on November 12, 2010 at 2:31pm
maine bhi pahli baar itna bada kawi sammelan dekha. yaha par maine bhi bahut kuchh sikha. ek nayi aur bahut achchhi widha mujhe haiku lagi, jise mai pahli baar yahi padha aur samjha. ab kabhi kabhi likhne ka bhi prayatn kar leta hu.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service