For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ब्रिज होली गीत

मित्रों , आज आप सभी के अवलोकन हेतु ..... ब्रिज मंडल की होली की एक छोटी सी झलकी | आशा है आपको यह होली गीत पसंद आएगा |

कान्हा ने होरी खेलन को टोली मस्त बनायी है 
ग्वाल ,बाल सब रंग डारे गोपी डरकर घबराई है 
ब्रज मंडल में बरसाने से राधा जी की सखियों ने 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

पकड़ो -पकड़ो - इसको श्याम बड़ा नटखट ये 
चुपके - छुपके बैठा गोपी संग घूंघट में 
घेर लियो है श्याम सलोना राधा जी मुस्काई है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

कण कण रंगरेज हुआ होरी के रंगों में 
ढोलक की तालों में रसमय तरंगो में 
रंगों की रंगोली ब्रिज के कण कण में बिखरा दी है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

रंगों का महारास कान्हा के संग आज 
मुरली की तान गान झूमे सब ग्वाल बाल 
गोपी संग राधा जी झूमे ,नाचे किशन कन्हाई है 
रंग लायी भर भर पिचकारी , धूम मचाने आई है ||

इस घर- उस घर आँगन देखो क्या मची धूम 
रंग डारे सभी आज नाचे सब घूम घूम 
देखो -देखो ब्रिज मंडल में कैसी मस्ती छाई है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

सबको नचाये जो, नाच रहा बेसुध है 
पालन कर्ता खुद ही खोया सब सुध-बुध है 
चन्द्र वंश के योगेश्वर ने लीला आज रचाई है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

सुर -नर -गंधर्भ सभी गोकुल में आये हैं 
नारी परिधान डार , कान्हा संग नाचे हैं 
भूतेश्वर बाबा कैलाशी संग में मातु भवानी है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||................मनोज

Views: 709

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 7, 2013 at 7:22am

बहुत ही अच्छी लगी ब्रिज की होली!

मैंने भोजपुरी साहित्य में एक रचना "....अईले मास फगुनवा न!" नाम से डाली है अगर समय हो, तो पढ़ें!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 6, 2013 at 6:59pm

बहुत सुन्दर मुग्धकारी शब्द-चित्र ब्रिज की होली का 

बहुत बहुत बधाई इस गीत पर. लेकिन एक-दो स्थान पर व्याकरण की त्रुटि रह गयी है, उसे दूर कर लीजिये. सादर.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 6, 2013 at 10:06am

ब्रिज मंडल की होली की झलक मन को भागयी, हार्दिक बधाई श्री मनोज नौटियाल भाई 

Comment by ram shiromani pathak on March 5, 2013 at 8:38pm

सबको नचाये जो, नाच रहा बेसुध है 
पालन कर्ता खुद ही खोया सब सुध-बुध है 
चन्द्र वंश के योगेश्वर ने लीला आज रचाई है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||

बहोत ही बढ़िया आदरणीय मनोज भाई जी ............

सुर -नर -गंधर्भ सभी गोकुल में आये हैं 
नारी परिधान डार , कान्हा संग नाचे हैं 
भूतेश्वर बाबा कैलाशी संग में मातु भवानी है 
रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||.............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service