अब बिन तेरे मुझसे रहा नहीं जाता।
तुझसे दूरी का दर्द सहा नहीं जाता।।
ख़ुद से ज़्यादा चाहते हैं तुम्हें,पर ये
अब तुमसे क्यों कहा नहीं जाता ?
प्यार तो अपने -आप ही होता है,
कभी ये किसी से किया नहीं जाता।
आँखों में ऐसे बसी है तस्वीर तेरी,
आँसुओं से इसे मिटा दिया नहीं जाता।
हर धड़कन अब तेरा ही नाम लेती है,
मुझसे अब राम -नाम जपा नहीं जाता।
बेशक़,जी रहे हैं तुझसे दूर होकर हम
पर अब बिन तेरे जिया नहीं जाता।
कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता।
'सावित्री राठौर'
[मौलिक एवं अप्रकाशित ]
Comment
कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता।
आदरणीया सावित्री जी दाद कुबूलें।
आदरणीया सुन्दर प्रस्तुति शब्द शब्द सीधे दिल में उतरता है. बहुत बढ़िया. भरपूर दाद कुबुलें.
आदरणीय प्राची जी,विजय जी,संदीप जी,प्रदीप जी एवं वेदिका जी !आप सभी को मेरा प्रणाम। आप सभी के सराहना युक्त शब्दों का मैं हृदय से अभिनन्दन करती हूँ। आप सबने मुझे अपने शब्दों के माध्यम से प्रेरणा प्रदान की है और मैं आप सभी की आशाओं के अनुरूप लिखने का प्रयास करूँगी।आप सब के शब्दों से मुझे नयी शक्ति मिली है अन्यथा मैं इस प्रशंसा योग्य कहाँ ? एक बार आप सभी का पुनः आभार।
प्रेम की और विछोह की सुंदर अभिव्यक्ति ...
कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता
हर धड़कन अब तेरा ही नाम लेती है,
मुझसे अब राम -नाम जपा नहीं जाता। ... सही है जब ह्रदय में कोई बस जाये तो किसी तीसरे की जगह नही चाहे वो खुद इश्वर ही क्यों न हो ।
शुभकामनायें सादर सावित्री जी !
सादर वेदिका
सुन्दर गजल प्रस्तुति हेतु
सादर बधाई
वियोग श्रांगार का बेहद मार्मिक चित्रण है इन द्विपादियों में
बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीया
मार्मिक रचना। बधाई।
सादर,
विजय निकोर
प्रिय बिछोह के मनोभावों की मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति.
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