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यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता

 अब बिन तेरे मुझसे रहा नहीं जाता।
तुझसे दूरी का दर्द सहा नहीं जाता।।
ख़ुद से ज़्यादा चाहते हैं तुम्हें,पर ये
अब तुमसे क्यों कहा नहीं जाता ?
प्यार तो अपने -आप ही होता है,
कभी ये किसी से किया नहीं जाता।
आँखों में ऐसे बसी है तस्वीर तेरी,
आँसुओं से इसे मिटा दिया नहीं जाता।
हर धड़कन अब तेरा ही नाम लेती है,
मुझसे अब राम -नाम जपा नहीं जाता।
बेशक़,जी रहे हैं तुझसे दूर होकर हम 
पर अब बिन तेरे जिया नहीं जाता।
कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता।
'सावित्री राठौर'
[मौलिक एवं अप्रकाशित ]

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Comment by mrs manjari pandey on March 11, 2013 at 7:45pm

कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता।

 

आदरणीया  सावित्री जी  दाद कुबूलें।

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 8, 2013 at 10:31pm

आदरणीया सुन्दर प्रस्तुति शब्द शब्द सीधे दिल में उतरता है. बहुत बढ़िया. भरपूर दाद कुबुलें.

Comment by Savitri Rathore on March 8, 2013 at 6:25pm

आदरणीय प्राची जी,विजय जी,संदीप जी,प्रदीप जी एवं वेदिका जी !आप सभी को मेरा प्रणाम। आप सभी के सराहना युक्त शब्दों का मैं हृदय से अभिनन्दन करती हूँ। आप सबने मुझे अपने शब्दों के माध्यम से प्रेरणा प्रदान की है और मैं आप सभी की आशाओं के अनुरूप लिखने का प्रयास करूँगी।आप सब के शब्दों से मुझे नयी शक्ति मिली है अन्यथा मैं इस प्रशंसा योग्य कहाँ ? एक बार आप सभी का पुनः आभार।

Comment by वेदिका on March 8, 2013 at 1:01am

 प्रेम की और विछोह की सुंदर अभिव्यक्ति ...
कोई तो बात होगी तुममें और मुझमें,
यूँ ही किसी से दिल लगा लिया नहीं जाता

हर धड़कन अब तेरा ही नाम लेती है,
मुझसे अब राम -नाम जपा नहीं जाता। ... सही है जब ह्रदय में कोई बस जाये तो किसी तीसरे की जगह नही चाहे वो खुद इश्वर ही क्यों न हो ।
शुभकामनायें सादर सावित्री जी !
सादर वेदिका

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 7, 2013 at 3:41pm

सुन्दर गजल प्रस्तुति हेतु 

सादर बधाई 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on March 7, 2013 at 3:39pm

वियोग श्रांगार का बेहद मार्मिक चित्रण है इन द्विपादियों में
बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीया

Comment by vijay nikore on March 7, 2013 at 3:22pm

 

मार्मिक रचना। बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 7, 2013 at 10:35am

प्रिय बिछोह के मनोभावों की मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति.

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