For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जब पाप कियो तुम भोर भये, दिन रात भला तुम का करिहो!
सब नाचत - गावत ताल दियो, तुम ताल तलैयन डूब रहो!!
फिर गंग तरंग बहे न बहे, रखि आपन मान बढ़ाय रहो!
इत डारि रहे खर-मैल बढे, उत गंग कषाय बढ़ाय रहो!!1

नित डारत हैं मल नालन कै, नहि दूसर देखि उपाय रहो!
तुम बालक गंग तरंगिनि कै, कलि कालहि मातु लजाय रहो!!
अब तो सिर सौं तुम लाज करो, यह देश तुझे ललकार रहो!
तुम शान कमान धरे उर मा, गण मान कहाय लुकाय रहो!!2

अपनी छतरी अपने लड़के, नहि होत सहाय तलाड़ रहो!
तुम गंग तरंगिनि के पहरा, फिर आंखन धूलहि झोंकि रहो!!
कहुं होलि गुलाल उडावत है, अब केसर टेशु जलाय रहो!
यह सत्यम बात करे न कहे, जन मानस रोज चिघांड़ रहो!!3
सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 407

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 26, 2013 at 6:08am

आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी, आप का बहुत बहुत हार्दिक आभार एवं धन्यवाद।

Comment by ram shiromani pathak on March 21, 2013 at 11:11am

बहुत सुन्दर सवैया आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 20, 2013 at 7:42pm

आदरणीय श्री योगी सारस्वत जी, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार!

Comment by Yogi Saraswat on March 20, 2013 at 3:26pm

नित डारत हैं मल नालन कै, नहि दूसर देखि उपाय रहो!
तुम बालक गंग तरंगिनि कै, कलि कालहि मातु लजाय रहो!!
अब तो सिर सौं तुम लाज करो, यह देश तुझे ललकार रहो!
तुम शान कमान धरे उर मा, गण मान कहाय लुकाय रहो!!2

स्वागत है

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 19, 2013 at 7:21pm

आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, आपको सवैया अच्छी लगी, धन्यवाद एवं बहुत-बहुत आभार!

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 19, 2013 at 12:47pm

अब तो सिर सौं तुम लाज करो, यह देश तुझे ललकार रहो!
तुम शान कमान धरे उर मा, गण मान कहाय लुकाय रहो!!..............शायद अब इनको याद आये.

 

बहुत सुन्दर सवैया आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service