समस्त ओ बी ओ परिवार को हिंदी नववर्ष और नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं
अर्गला स्तोत्र को हिंदी में छंदबद्ध करने का प्रयास किया है
अथ अर्गला स्तोत्र
ॐ
शिवा जयंती माता काली, भद्रकाली है नाम
क्षमा स्वधा कपालिनी स्वाहा, बारम्बार प्रणाम
दुर्गा धात्री माँ जगदम्बे, जपता आठों याम
मात मंगला हे चामुंडे, हरो क्रोध अरु काम
सबकी पीड़ा हरने वाली, तुमको नमन हजार
व्याप्त चराचर में तुम माता, तेरी जय जयकार
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
ब्रम्हा को वर दे करती माँ, मधु कैटभ संहार
कालरात्रि हे माता रानी, जय हो बारम्बार
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
महिषासुर खल नाशी मैया, तुम हो सुख की खान
रक्तबीज अरु चंड मुंड वध, करती आप महान
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
शुम्भ निशुम्भ दुष्ट अभिमानी, हरती उनका मान
मार धूम्र लोचन को मैया, देती तुम वरदान
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
युगल चरण वन्दित हे माता, देती भाग्य सँवार
रूप अनूप चरित्र अचिन्त्य है , जय हो बारम्बार
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
पाप हारिणी मात चण्डिके, हरती सबके रोग
श्रद्धा से मैया अब तेरी, शरण पड़े हैं लोग
जय दो यश दो रूप उन्हें दो , हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
दो सौभाग्य परम सुख माता, शत्रु का कर नाश
मेरा अब कल्याण करो माँ, केवल तुमसे आश
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
देव असुर कर चरण वंदना, पाते नित वरदान
अपने भक्तों को माँ करती, तुम ही लक्ष्मीवान
ध्याये तुमको जो भी माता, होता है विद्वान्
यश बढ़ता उसका ही मैया, जग में हो सम्मान
दैत्य दर्प हरने वाली माँ, करें त्रिदेव ध्यान
इंद्र पूजिता मैया हरती, दानव का अभिमान
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
सुन्दर पत्नी दो मैया जी, मन इच्छा अनुसार
उत्तम कुल वाली जो देवे, भव सागर से तार
इसके बाद पढ़े जो मैया, सप्तशती का पाठ
उत्तम फल मिलता है उसको, धन संपत्ति साथ
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम
इति देव्याः अर्गला स्तोत्रम संपूर्णम
Comment
आदरणीय बड़े भाई संदीप जी आपके छंद पड़कर मन प्रफुल्लित हो गया !!सुन्दर वर्णन !!नवरात्री की हार्दिक शुभकामना !!!!!!!
आदरणीय लक्ष्मण सर जी सादर प्रणाम
आपका आभार सहित नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुन्दर, हिंदी में छंद बद्ध कर बड़ा नेक काम किया है, भाई संदीप पटेल जी, पाको हार्दिक बधाई के साथ ही साधुवाद
नव संवत्सर,२०७०, गुडी पडवा, एवं चेटी-चंड के शुभ मंगल कामनाए
नव वर्ष नया काज हो, उन्नति का आधार ,
नव जोश भर तन मन में, नव चेतन संचार। - लक्ष्मण लडीवाला
suprabhat aadarneey keval ji
bahut bahut aabhar aapka
maa sada hi sahaay ho jai maata di
आदरणीया कुंती जी सादर आभार
जय हो माँ भगवती शारदे की
आ0 संदीप पटेल जी, सुप्रभात! अतिसुन्दर मां महिमा का गुण गान। जय मां शैल पुत्री!!! आपके साथ ही हम सभी को भी..जय दो यश दो रूप मुझे दो, हरो क्रोध अरू काम
नाश करो शत्रु का तुमको, बारम्बार प्रणाम! शुभाशीष मिले। हार्दिक बधाई हो, सादर
अति सुंदर अनुवाद किया आपने संदीप जी .नवरात्रि के शुभ अवसर पर माता को शतशत प्रणाम....सब को रूप मिले यश मिले ग्यान मिले. इसी कामना के साथ .......आभार ..कुंती
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