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तन्हाई का पुष्प बेचारा पल में कुम्हलाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया- बहुत सुन्दर शादी कि प्रथम वर्ष गाँठ पर ढेरों बधाइयां स्वीकारे भाई संदीप कुमार पटेल जी
तन्हाई का पुष्प फिर कभी नहीं खिल पाए,
प्रभु करे अब आँगन में कलियाँ खिल जाए |
दीप जले, मन मंदिर अरु घर रोशन हो जाए
जीवन साथी संग में अपनी बगिया महकाए |
बहुत-बहुत बधाई एवं मंगलकामनाएं|
आ0 संदीप कुमार पटेल जी, सुप्रभात! अतिसुन्दर रचना, आपको वैवाहिक जीवन के प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और बहुत सारी शुभकामनाएं। सादर,
प्रिय संदीप जी:
//तभी सामने इक सुंदर सा चाँद निकल आया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया//
अति सुन्दर और मनमोहक भाव हैं ... वाह, वाह, क्या कहने।
हार्दिक बधाई आप दोनों को .. ऐसे ही सदैव प्रसन्न रहें।
सादर,
विजय निकोर
संदीप भाई शादी की प्रथम वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं! बंध दिनों दिन मजबूत होता जाए और प्रेम की गागर और और छलकती जाए।
संदीप जी , शादी की प्रथम सालगिरह पर इससे अच्छा उपहार एक पत्नि के लिये और क्या हो सकता है.आपके जीवन में सदा प्रेमपुष्पों की बरसात होती रहे .मंगल कामनाएं सहित .सादर - कुंती
आदरणीय अशोक जी सादर
इस बधाई और शुभकामनाओं हेतु आपको बहुत बहुत आभार
स्नेह बनाये रखिये
सुंदर काव्यात्मक चित्रण ,
आपको आपके विवाह की प्रथम वर्षगाँठ
पर हार्दिक बधाई ,
ईश्वर आपको सुख , वैभव एवम् ऐश्वर्य प्रदान करे ,
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