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सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय निकोरे जी ।
आज फिर उसने
जी , सारी बात इन पंक्तियों में कह दी.
बधाई आदरणीय बाग़ी जी
सादर
आदरणीय गणेश जी ,सच में मन बहुत व्यथित हो रहा है ,दुःख होता है यह सब देख सुन कर ,दिल हिला देने वाली रचना ,आभार
आदरणीय गणेश जी:
सामयिक भावप्रधान रचना हेतु बधाई।
विजय निकोर
आदरणीय सौरभ भईया, इस रचना की उत्पत्ति बहुत ही पीडादायी रही है, कई कई बार हाथ काप गया और मस्तिष्क में आंधी तूफ़ान जगह लेते रहे, आगे क्या कहूँ , आप बिना कहे समझ सकते है, रचना को आपका आशीर्वाद मिला मन आह्लादित है,सादर आभार ।
आदरणीय डॉ खरे साहब, आपकी सराहना उत्साहवर्धन करती है,बहुत बहुत आभार |
प्रिय अनुज अरुन, रचना आप तक पहुचने में कामयाब हुई यह जान मन हर्षित है, आभार आपका ।
प्रिय केवल जी, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार ।
आदरणीया कल्पना रमानी जी, रचना आप तक अपने मूल भाव के साथ पहुँच गयी यह मेरे लिए तोष का विषय है, उत्साहवर्धन एवं सराहना हेतु कोटिश: आभार, स्नेह बनाये रखे ।
आदरणीय बाग़ी जी सादर प्रणाम, बहुत ही सुन्दर रचना सीधे दिल को छू रही है.बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.
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