For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेता बनने के हुनर.....हास्य व्यंग

बेटा- पापा मै देश के लिये कुछ करना चाहता हूँ
बडा होकर मै नेता बनना चाहता हूँ

पापा बोले-
बेटा
नेता बनने के लिये
बहुत पापड
बेलने पडते है
उसे देश और जनता
दोनो के साथ
खेलने पडते है

उसे विरोधियो को
लताडना होगा
शेर की तरह
दहाडना होगा
एक सफल नेता
बडी चतुराई से
लोगो के कीमती वोट
माँग लेते है
क्योकी
मुरगे की तरह
बिना चूके
बडे नियम से
रोजाना बाग देते है

एक नेता को
यह भी दाँव
आना चाहिए
किसी मसले को
सुलझाने
उसे बिल्ली की तरह
दबे पाँव आना चाहिए

पार्टी या मीडिया
कुछ भी कहे
अपनी बात ही
आगे झोकना होगा
उसे कुत्ते की तरह
भोंकना होगा

एक नेता सफल
तभी कहा जायेगा
जब वह देश को
चूहे की तरह
भीतर से चाल जायेगा
और जब
बकरे की तरह
मिमियाना
सीख जाओगे
बेटा
तुम एक सफल नेता
तभी बन पाओगे

Views: 962

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by manoj shukla on April 29, 2013 at 9:29pm
आदर्णीया ऊषा जी आपका हार्दिक आभार
Comment by Usha Taneja on April 29, 2013 at 4:45pm

बढ़िया व्यंग्य... 

भावी नेताओं को आपकी रचना तो पढनी ही चाहिए... हमारा भी मनोरंजन अच्छा हुआ|

बधाई|

Comment by manoj shukla on April 28, 2013 at 6:17pm
आदर्णीया डा.प्राची जी....सादर आभार

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 28, 2013 at 1:12pm

नेता बने के लिए कितना हुनरमंद होना पढता है... उसपर बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति आ० मनोज शुक्ला जी.हार्दिक बधाई 

कहीं कहीं व्याकरण संबंधी त्रुटियाँ महसूस हो रही हैं, उनपर एक बार पुनः नज़र डाल लीजिए.

शुभेच्छाएं 

Comment by manoj shukla on April 28, 2013 at 11:37am
आदर्णीय अशोक जी आपका सादर आभार, स्नेह बनाये रखें...
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 28, 2013 at 9:40am

वाह बहुत सुन्दर तभी नेता को भी मानवों से अलग एक प्राणी की तरह जाना जाता है. हा हा हा ..... बहुत बहुत बधाई.

Comment by manoj shukla on April 28, 2013 at 8:35am
आदर्णीय जवाहरलाल जी आपका हार्दिक आभार
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 28, 2013 at 7:12am

अच्छा व्यंग्य, बधाई !

Comment by manoj shukla on April 27, 2013 at 8:27pm
आदर्णीया कुन्ती जी सादर आभार
Comment by coontee mukerji on April 27, 2013 at 12:45pm

नेता बनने का क्या गूढ़ तत्व प्रस्तुत किया है , आशा है यह कभी practical न बने .सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service