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पहले की तरह .....हास्य व्यंग

आजकल सुबह सुबह
मुर्गे की जगह
लाउडस्पीकर
बाँग दे रहा है
क्योकि
चुनाव आ रहा है.
पहले की तरह
इस बार भी
स्वामी जी
वोट माँगने आयेंगे
पुल्हिया बनवाने
वजीफा दिलवाने
की शपथ खायेंगे
और पहले की तरह
चालिस वोटों से
हार जायेंगे.
पहले की तरह ही
श्रीमती देवी जी
भी आयेंगी
अपने सम्बोधन से
जनता को लुभायेंगी
कुछ नये कुछ पुराने
सवाल उठायेंगी
सत्तापक्ष पर
ताने कसेंगी
और
पहले की तरह ही
इस बार भी
लगता है
विपक्ष मे रहेंगी.
हो सकता है
पहले की तरह
श्रीमान चौखट
निर्दलीय से
टिकट पा जायें
और पहले की तरह
कुछ ले दे कर
अपनी चौखट मे
दरवाजा लगा जायें.
इस बार भी
पूरा विश्वास है
नरमदल का टिकट
कडकराम के पास है
पहले की तरह
इस बार भी वे
उसी पार्टी से लडेंगे
पिछली बार
बाजार वाली
तो
अबकी गाँव की
जमीन बेचेंगे.
पहले की तरह
इस बार भी
धूम मचेगी
पर्चा बटेगा
पोस्टर लगेगा
कैसेट बजेगा
बैनर सजेगा
और पहले की तरह
इस बार भी
शहर मे कर्फ्यू लगेगा
लाठियाँ बरसेंगी
हड्डियाँ टूटेंगी.
और
जब सुबह सुबह
दूधवाले के
ना आ पाने के कारण
आदमी
काली चाय पीने को
मजबूर हो जायेगा
सच कहता हूँ
इस चुनाव का
असली मजा
पहले की तरह
तभी आ पायेगा
--------
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by manoj shukla on May 2, 2013 at 7:45pm
आदर्णीया डा.प्राची जी सादर आभार ...आपके कहे अनुसार मैने टंकण के कारण हुई त्रुटियो को सुधारने का प्रयास किया है....आपसे विनम्र निवेदन है कि पुनः जाँच कर अन्य त्रुटियाँ बताने की कृपा करें.....सादर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 2, 2013 at 5:01pm

चुनावी दौर की सुन्दर झांकी प्रस्तुत की है मनोज शुक्ला जी...हार्दिक बधाई 

कहीं कहीं व्याकरणीय और टंकण त्रुटियाँ रह गयी हैं...पुनः अवलोकन के लें.

शुभकामनाएं 

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"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
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