फिर लहराई
सुभागी ,गुलाबी
गोटेदार चुनरिया
जिसका सितारों भरा आसमाँ
प्रत्यक्षदर्शी है उन
अविस्मरणीय लम्हों का
जिसकी एक छोर से
किया गया था गठबंधन
प्रियतम की पीली चादर
की छोर से,
उस छोर की सिलवटें
जस की तस
आज भी उन पलों को जीती हैं
एक सितारा भी नहीं गिरने दिया
इस अम्बर से मैंने
क्योंकि मैं जानती हूँ
आपने अपना आशीर्वाद भी टाँक रखा है
हर सितारे के साथ में
कितने मौसम बदले
रुत बदली
किन्तु इसकी आभा में
कोई भी तो कमी नहीं आई
वही कोमलता
वही मखमली एहसास हुआ
जब आज फिर स्पर्श किया
आज छत्तीस वर्ष की हो गई है
ये चुनरिया ,मम्मी पापा
आपको याद है ना !!!
******************
(मौलिक व अप्रकशित)
Comment
ब्रजेश कुमार सिंह जी आपकी शुभकामनाएं ,बधाई दिल से स्वीकार सहेज कर रख ली हैं ,बस यूँ ही मिलती रहें ये शुभकामनाएं ये बधाइयां ,दिल से आभारी हूँ |
प्रिय सीमा जी आपकी शुभकामनाएं ,बधाई सर आँखों पर ,बस यूँ ही मिलती रहें ये शुभकामनाएं ये बधाइयां ,दिल से आभारी हूँ
आदरणीय कल्पना रमानी जी आपकी शुभकामनाएं ,बधाई सर आँखों पर ,बस यूँ ही मिलती रहें ये शुभकामनाएं दिल से आभारी हूँ
किशन कुमार जी आपकी शुभकामनाएं ह्रदय से स्वीकार
प्रिय अरुन आपकी शुभकामनाएं ह्रदय से स्वीकार |
आदरणीया आपको हार्दिक बधाई!
इस अवसर पर इतनी सुन्दर रचना! अंतिम पंक्तियां पढ़कर दिल भाव विभोर हो गया।
आपकी चुनरिया यूं ही युवा बनी रहे और आप यूं सालों साल हर सालगिरह पर ऐसे ही दिल को छूने वाली रचनायें प्रस्तुत करती हैं।
आपको बधाई और आभार!
पावें जी शुभकामना, बारम्बार हजार,
बता रहीं छत्तीस का,तिरसठ सा है प्यार,
तिरसठ सा है प्यार, सलामत रहे हमेशा,
मीठी सी तकरार, जरी जीवन का रेशा,
जीवन हो खुशहाल, नित्य ही मंगल गावें.
सात जन्म यह मीत, देव से लड़कर पावें ||........अशोक रक्ताले जी की कुण्डलिया के माध्यम मैं भी अपनी दिली शुभकामनाएं प्रेषित कर रही हूँ आपको
आपकी इस प्यारी सी चूनर को भी ढेरों ढेर बधाई .........आपकी प्यारी सी तस्वीर के साथ ही हम सब भी आपके विवाह में शामिल हो लिए
क्या भाव सँजोए हैं, राजेश कुमारी जी, आपकी यह चुनरिया आजीवन युवा बनी रहे
बहुत बहुत शुभकामनाएं. बहुत सुंदर रचना की प्रस्तुति ने तो मन मुग्ध कर दिया है. हार्दिक बधाई.॥
आदरणीया राजेश कुमारी जी हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं उस पर इतनी सुन्दर रचना ह्रदय को स्पर्श कर गई.
आदरणीय लक्ष्मण जी पुनः हार्दिक आभार |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online