सरबजीत शहीद हुए, सत्ता करे न काम
छोड़ गया दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम |
याद करो इतिहास को, और इंदिरा नाम,
पाकिस्तान हार गया, नाम हुआ बदनाम |
हर देवी दुर्गा यहाँ, रानी झाँसी नाम,
दुश्मन थर-थर कांपते, होती नींद हराम |
सत्ता बेरी हो गयी, घटे देश की आन,
सत्ता उसको दीजिये, बढे देश की शान |
सावधान सेना करे, सत्ता दे ना ध्यान,
जन की रक्षा कर सके, देना उसे कमान |
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला
Comment
दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार डॉ दिलीप मित्तल जी
आदरणीय सुंदर दोहे के लिए बधाई ,
सरबजीत ने देश कि लाज रख ली ,
उसके दिल ,गुर्दे थे तो निकाल लिये ,
अगर किसी नेता के टटोलते तो ,
देश को शर्मसार होना पड़ता ,
न दिल, जिगर ना खोजने पर दिमाग,
का कही पता चलता .
पुनः आभार श्री मनोज शुक्ला जी
बिलकुल सही कहा है आपने इतने दोहे रचने के अब आंतिक विन्यास पर समझा पाया है कोई | दोहे सराहने के लिए आपका हार्दिक
आभार भाई श्री अशोक रकाले जी
आदरणीय लड़ीवाला साहब बहुत सुन्दर दोहे है.बहुत सुन्दर भाव बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. आदरेया सीमा जी के दिए सुझाव गाँठ में बाँध लें.दोहे के आतंरिक विन्यास को इतनी सुन्दरता से परिभाषित करते कम ही देखा है.सादर.
शहीद की जगह 2 मात्रिक शब्द दिमाग में नहीं बैठ रहा है | इस दोहे को अगर यूँ लिखा जावे तो कैसा रहे कृपया बतावे-
सरबजीत की जीत है, पर सत्ता नाकाम
छोइ गए दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम ।
सुझाव हेतु पुनः हार्दिक आभार आदरनीया सीमा अग्रवाल जी
खुशी हुयी लक्षमण जी आपने बात को देखा समझा और परखा आपके द्वारा संशोधित दोहों को राजेश जी ने सही समय पर उपस्थित हो कर स्वीकृति दे दी है
सरबजीत शहीद हुए, सत्ता करे न काम
छोड़ गया दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम |.....एक बार इस दोहे को भी परखिये 3+3+2+3+2
सरब=३+जीत =३+ शही =३ ..............बस यही ये दोहा गलत हो गया तीसरे स्थान पर कोई 2 मात्रिक शब्द आना चाहिए था
ओबीओ मंच पर टिप्पणियों के माध्यम से सभी को सिखने/सिखाने को मिलता है, भाई श्री बृजेश सिंह नीरज जी
दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार
आदरणीय बहुत सुन्दर और सामयिक दोहे। बधाई! आपके माध्यम से मुझे भी एक नई चीज सीखने को मिली।
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